प्रयागराज। हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियमक प्राधिकारी को इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों को एनसीटीई के विनियमन 2014 के तहत डीएलएड डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के संबंध में तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रामगोपाल चतुर्वेदी व पांच अन्य की याचिका पर अधिवक्ता प्रखर शुक्ल को सुनकर दिया है।
याचिका में कहा गया था कि याचियों ने इंटरमीडीएट परीक्षा उत्तीर्ण की है इसलिए वे राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के नियमों के अनुसार डीएलएड कोर्स के लिए पात्र हैं। हालांकि विज्ञापन में पात्रता मानदंड 50 प्रतिशत अंक के साथ स्नातक है।
याची का कहना था कि 2014 के एनसीटीई विनियमन के अनुसार डीएलएड में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों के पास उच्च माध्यमिक परीक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा में कम से कम 50 अंक प्रतिशत होना चाहिए। अधिवक्ता शुक्ल ने यह भी कहा कि निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के नौ अगस्त के पत्र में सचिव शिक्षा नियामक प्राधिकारी को डीएलएड में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता को इंटरमीडिएट के रूप में तय करने की सिफारिश की गई है।