03 December 2021

यूपीटीईटी में सेंध : आखिर प्रिंटिंग प्रेस बदलने की कौन सी मजबूरी ?


प्रयागराज : टीईटी पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि गिरफ्तार सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय के ऊपर आखिरकार पुराने प्रेस को बदलने की ऐसी कौन सी मजबूरी या दबाव था। एसटीएफ की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि पेपर छापने का काम बदरपुर नई दिल्ली की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड को परीक्षा से एक महीने पहले 26 अक्तूबर को दिया गया था।

उसने चार अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए और पेपर लीक का यही मुख्य वजह बनी। चर्चा है कि क्या संजय कुमार उपाध्याय ने निजी हितों के लिए ऐसी फर्म को प्रश्नपत्र छापने का ठेका दे दिया जिसके पास इतने गोपनीय काम का कोई अनुभव नहीं था या फिर किसी दबाव में यह निर्णय लेना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि संजय कुमार उपाध्याय के सचिव पद पर आने से पहले भी यहां तैनात रहे अफसरों पर प्रश्नपत्र छापने के लिए निजी प्रिंटिंग प्रेस और रिजल्ट बनाने के लिए प्राइवेट कम्प्यूटर फर्म के चुनाव के दबाव की सुगबुगाहट सुनने में आती रही है।


चर्चा है कि रसूखदार लोग खुद मोटी कमाई या अपने खास लोगों को अनुचित लाभ दिलाने के लिए पसंदीदा प्रिंटिंग प्रेस और कम्प्यूटर फर्म को काम दिलवाने का दबाव अफसरों पर बनाते हैं। रसूखवालों के चहेतों को छपाई या रिजल्ट का काम न देने पर अफसरों को निलंबन और दूसरी कार्रवाई की धमकी भी मिलती रही है। लेकिन ये बातें कभी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आईं।