चुनाव आयोग को मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की अनुमति जल्द मिल सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर इसे स्वैच्छिक रखा जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को चुनाव सुधारों पर लाए गए विधेयक को मंजूरी दे दी। इसी के साथ शीतकालीन सत्र में ही इसे लाने का रास्ता साफ हो गया है।
नए विधेयक में साल में चार बार नए वोटरों के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा का प्रावधान किया गया है। विधेयक में पेड न्यूज को अपराध की श्रेणी में लाने और झूठा हलफनामा दाखिल करने की सजा को दो साल तक बढ़ाने की भी सिफारिश है। चुनाव आयोग ने इस साल जून में कानून में मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव सुधारों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए अनुमति देने का आग्रह किया था। चुनाव सुधारों में एनआरआई और प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट वोटिंग और दोहराव वाले मतदान पर रोक लगाने के प्रावधान किए गए हैं।