स्कूलों ने बदली पढ़ाई की रणनीति, ओमक्रॉन का शोर, पाठ्यक्रम पूरा कराने पर जोर

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की आहट से सहमे स्कूलों ने पढ़ाई की रणनीति में बदलाव किया है। पुराने हालातों से सबक लेते हुए अब स्कूलों ने जनवरी तक पाठ्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

यही वजह है कि सीबीएसई और सीआईएससीई के पहले सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान भी बाकी कक्षाओं की पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया जा रहा है। समय में बदलाव कर पढ़ाई कराई जा रही है। अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद भी लगातार यूनिट टेस्ट लिए जा रहे हैं।


पायनियर मांटेसरी स्कूल की प्रधानाचार्या शर्मिला सिंह ने बताया कि अभीऑफलाइन पढ़ाई के बावजूद ऑनलाइन की तैयारी है। पूरी कोशिश है कि जनवरी तक कोर्स कराकर प्री-बोर्ड परीक्षा करा ली जाए।
बाकी कक्षाओं की परीक्षा फरवरी में शुरू करा दी जाएगी। रणनीति ऐसी है कि यदि पढ़ाई ऑनलाइन हो तो काफी हद तक छात्रों की क्लास परफॉरमेंस हमारे हाथ में होगी।
वरदान इंटरनेशनल एकेडमी प्रधानाचार्या ऋचा खन्ना ने बताया कि अभी पूरा ध्यान पाठ्यक्रम पूरा करने पर है। विज्ञान और गणित पर ज्यादा जोर है। इनकी ऑफलाइन पढ़ाई ज्यादा अच्छे से होती है।

इसी तरह अवध कॉलेजिएट, सिटी मांटेसरी स्कूल, सेंट्रल एकेडमी, डीपीएस, सेंट जोसेफ स्कूल, न्यू पब्लिक समेत शहर के सभी प्रमुख स्कूल ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराकर पाठ्यक्रम पूरा करने और अभ्यास कराने में जुटे हैं।
लिखित टेस्ट परीक्षा की तरह लिए जा रहे हैं। मौखिक टेस्ट भी लिए जा रहे हैं। सभी स्कूलों ने जनवरी तक पाठ्यक्रम पूरा कराकर कक्षा 10 व 12 की प्री बोर्ड परीक्षा कराने और फरवरी से अंतिम परीक्षा कराने का लक्ष्य तय कर लिया है।
स्कूलों के अनुसार, जनवरी तक पाठ्यक्रम पूरा हो गया तो बच्चों को अभ्यास कराने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। खासकर विज्ञान और गणित विषयों का। क्योंकि इन विषयाें की पढ़ाई ऑफलाइन ही बेहतर तरीके से हो पाती है।