सदस्य डा.आकाश अग्रवाल ने यूपी बोर्ड की नवीन मान्यताओं का मुद्दा उठाया। कहा कि वर्ष 2019 से नवीन मान्यताएं प्रदान नहीं की जा रही हैं।
इसके बाद भी वर्ष 2020 व 2021 में मान्यताओं के लिए आवेदन मांगे गए। कहा कि हजारों समाज सेवा संस्थाओं ने नई मान्यता के लिए मानकों के अनुरूप कार्यों में करोड़ों रुपये का निवेश किया है, जो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से बर्बाद हो रहा है।