प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अपराध के आरोपित की आयु का निर्धारण किशोर न्याय कानून के तहत ही किया जाएगा। जब हाईस्कूल प्रमाणपत्र मौजूद हो तो अन्य साक्ष्य की आवश्यकता नहीं है, वही पर्याप्त सबूत है। कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालय के रजिस्टर की प्रविष्टि के आधार पर आयु निर्धारण न करने के निचली अदालत के आदेश को वैधानिक करार दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने सुरेंद्र सिंह की पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए दिया है, जिसके द्वारा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जालौन उरई के विपक्षी रामू सिंह को किशोर ठहराने के आदेश को चुनौती दी गई थी।