एक तरफ बेसिक शिक्षा विभाग जिले के परिषदीय विद्यालयों में संबद्ध शिक्षकों को मूल विद्यालय पर तैनाती का आदेश दे चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ संबंध शिक्षक आदेशों को धता बताकर मूल विद्यालय वापस नहीं गए है। विभाग के दोहरे नीति के विरुद्ध यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने मोर्चा खोलते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑनलाइन शिकायत भेजी है। इसमें संबद्धता के नाम पर जिले में व्यापक पैमाने पर खेल करने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
यूटा जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्रा ने प्रधानमंत्री को भेजी ऑनलाइन शिकायत में कहा है कि शासन से जिले के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की कोई नीति नहीं है। इसके विपरीत शिक्षा अधिकारी निलंबन के नाम पर संबद्धता का खेल करके दर्जनों शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से मूल विद्यालय से हटाकर उनके मन चाहे स्कूल से संबंध कर रखा है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग शासन को जिले में एक भी शिक्षक संबंध न होने का प्रमाण पत्र भी दे चुका है। विभाग के इस दोहरी नीति से शासन को भी गुमराह करने का आरोप संघ ने लगाया है। संघ के शिकायत पत्र में कहा गया है कि आर्थिक लाभ लेकर मूल विद्यालय से दूसरे ब्लॉक के विद्यालयों में दर्जनों शिक्षकों को संबद्धता कर दी गई है। प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग कर चुके हैं। संघ का आरोप है कि शिक्षा अधिकारी शासन को गुमराह करके अवैधानिक तरीके से संबद्धता करके भ्रष्टाचार को बढ़ा रहे हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. रामचंद्र की मानें तो जिले में संबंध शिक्षकों की संबद्धता समाप्त की जा चुकी है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके तत्काल संबंधित शिक्षकों को मूल विद्यालय भेजने का निर्देश दिया जा चुका है।आदेश का पालन न करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।