गोण्डा:-
इंटर कालेजों की मान्यता के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है। बिना प्रयोगशाला के 200 विद्यालयों को मान्यता दे दी गई। ऐसे में 80 हजार विद्यार्थियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यह रहस्योद्घाटन परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए बनाई गई समिति की जांच में हुआ है।
जिले में 486 माध्यमिक विद्यालयों का संचालन हो रहा है। नियम है कि विज्ञान वर्ग से मान्यता के लिए भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान की प्रयोगशाला, कला वर्ग में भूगोल व गृहविज्ञान, कंप्यूटर शिक्षा के लिए भी प्रयोगशाला आवश्यक है। इस मानक की जांच करके अधिकारी रिपोर्ट देते हैं, इसे पूरा करने के बाद ही मान्यता मिलती है। वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। तहसीलवार गठित समिति की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। 200 विद्यालयों में प्रयोगशाला ही नहीं है। कुछ में पुस्तकालय कक्ष तक नहीं है। कालेज की मान्यता लेते समय प्रयोगशाला न होने की बात छिपा ली जाती है। एक कक्ष को प्रयोगशाला का रूप देकर बारी-बारी से तीनों विषयों के प्रयोग से संबंधित सामग्री रखकर फोटोग्राफी करा ली जाती है। इसे ही फाइल में लगा दिया जाता है। हैरत की बात तो यह है कि कालेज प्रबंधन अभिभावकों से प्रयोगशाला के नाम पर फीस भी वसूल करता है।
तहसीलवार कराई गई जांच में इंटर कालेजों में प्रयोगशाला न होने की बात सामने आई है। इसको लेकर संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य और प्रबंधक से जवाब तलब किया जा रहा है। कार्रवाई की जाएगी।
राकेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा