प्रयागराज : बेसिक शिक्षा की 69,000 शिक्षक भर्ती में जारी की गई उत्तरमाला में एक सवाल के जवाब को हाई कोर्ट ने भी गलत मानकर याची अभ्यर्थियों को राहत दी है। आदेश दिया था कि यदि एक अंक पाने से अभ्यर्थी चयन मेरिट में आ जाता है तो उसे नियुक्ति दी जाए।
हाई कोर्ट के 25 अगस्त के आदेश के 100 दिन से ज्यादा बीत जाने पर भी याचियों को कोई राहत नहीं दी गई। चयन मेरिट सूची को लेकर कोई पहल न होने पर मंगलवार को प्रदेश भर से आए अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन न किए जाने से एक अंक से चयन से वंचित किए गए अभ्यर्थियों में गुस्सा है।
पीएनपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे अभ्यर्थी दुर्गेश शुक्ल, राम मिश्र, प्रसून दीक्षित, रोहित शुक्ल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का जल्द पालन किया जाय। कोर्ट के आदेशानुसार जो याची एक नंबर से प्रभावित हो रहे हैं और जो गुणांक में आ रहे हैं, उन्हें सरकार जल्द से जल्द नियुक्ति दे।
उनका दावा है कि इससे करीब एक हजार अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी की अनुपस्थिति में धरने पर बैठे अभ्यर्थियों से मिलने रजिस्ट्रार पहुंचे। अभ्यर्थी उनसे लिखित आश्वासन चाह रहे थे, लेकिन सचिव के न होने पर वह अभ्यर्थियों को संतुष्ट नहीं कर सके। इससे असंतुष्ट अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उन्हें लिखित आदेश नहीं मिलेगा, तब तक उनका धरना चलता रहेगा।