राज्य सरकार ने तदर्थ नियुक्तियों के सहारे नौकरी करने वालों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त संस्थाओं में 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त तदर्थ सेवा वालों को विनयमित करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश (उप्र लोक सेवा आयोग के क्षेत्र से बाहर) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के सरकारी संस्थानों और सहायता प्राप्त स्कूलों में जरूरत के आधार पर पहले तदर्थ के आधार पर नियुक्तियां करने की सुविधा दी गई थी। समय-समय पर इन तदर्थ सेवा वालों को स्थाई किया जाता रहा है। कार्मिक विभाग की नियमावली के मुताबिक 30 जून 1998 तक तदर्थ पर नियुक्ति पाने वालों को स्थाई करने की व्यवस्था थी, लेकिन संविदा, दैनिक वेतन भोगियों और वर्कचार्ज कर्मियों को 31 दिसंबर 2001 तक नियमित करने की कटऑफ डेट रखी गई।
इसको लेकर तदर्थ सेवा वाले हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए। उनकी मांग थी कि उन्हें भी नियमित करने के लिए 31 दिसंबर 2001 तक का कटऑफ रखा जाए। कार्मिक विभाग ने इसके आधार पर ही लोक सेवा आयोग से बाहर वाले पदों पर इस अवधि तक तदर्थ नियुक्तियां पाने वालों को विनियमित करने का फैसला किया है। इससे प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में तदर्थ सेवा पर कार्यरत कर्मियों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी। कार्मिक विभाग इस संबंध में जल्द ही संशोधित नियमावली जारी करेगा। इसके बाद नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।