ज्ञानपुर। सरकारी स्कूलों के आपरेशन कायाकल्प से तस्वीर बदलने की मुहिम सुस्त हो गई है। करीब तीन साल में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में से मात्र 30 ही 19 पैरामीटर से संतृप्त हो सके हैं। शासन और प्रशासन की सख्त हिदायत के बाद भी सचिव, ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक संजीदा नहीं है।
परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए शासन ने राज्य और केंद्रीय वित्त के धन से कायाकल्प योजना के तहत सुंदरीकरण व अन्य व्यवस्था में सुधार की पहल 2017 से शुरू की है, लेकिन तीन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी 600 से अधिक विद्यालयों की तस्वीर अब तक नहीं बदल सकी है। ग्राम पंचायतों ने कुछ जर्जर विद्यालय भवनों की मरम्मत, रंगाई-पोताई, इंटरलॉकिंग के काम करा लिए लेकिन 19 पैरामीटर का काम अब तक पूर्ण नहीं हो सका है।
मरम्मत के अभाव में विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण होते जा रहे हैं तो
बच्चों को दिक्कत भी हो रही है। इसके बाद भी प्रधान और पंचायत सचिव काम नहीं करा रहे हैं। यदि भवनों का प्लास्टर, छतों व दीवारों व की मरम्मत आदि करा दी जाय तो भवन जर्जर होने से बच जाएंगे बच्चों को सुविधा भी मिल जाएगी।
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार 892 स्कूलों में 19 पैरामीटर वाले सिर्फ 46 विद्यालय हैं। इसके अलावा 18 पैरामीटर को पूर्ण करने वाले 157, 17 वाले 203, 15 पर 112, 14 पर 75, 13 पर 64, 12 वाले 27, 11 वाले 18 और 10 पैरामीटर पूर्ण करने वाले आठ स्कूल हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि आपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का सुंदरीकरण हो रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी, डीपीआरओ और बीडीओ के माध्यम से काम तेज करने के लिए कहा गया है।
ये हैं 19 पैरामीटर
ज्ञानपुर। स्कूलों में शुद्ध सुरक्षित पेयजल, विद्यालय में नल के जरिए जल की आपूर्ति, बालक इज्जत घर, बालिका इज्जत घर, बालक यूरिनल, बालिका यूरिनल, यूरिनल में जलापूर्ति, इज्जतघर का टाइलीकरण, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टीपल हैंड वाशिंग यूनिट, आधुनिक रसोईघर, कक्षा की फर्श पर टाइलीकरण, श्यामपट विद्यालय की रंगाई-पुताई, दिव्यांग सुलभ रैंप व रेलिंग, कक्षा कक्ष में वायरिंग व विद्युत उपकरण, विद्यालय का विद्युत संयोजन, बच्चों के लिए डेस्क और बेंच, विद्यालय की चहारदीवारी की मरम्मत के कार्य शामिल हैं।
केस-एक
अभोली विकास खंड के प्राथमकि विद्यालय गोपलहा में अभी तक एक भी काम शुरू नहीं हो सका है। जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चों को जर्जर एवं बदहाल भवनों में पढ़ाई करनी पड़ रही है। अंदर के प्लास्टर उखड़ने लगे हैं। जमीन भी खराब हो चुकी है।
केस-दो
प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामकिसुनपुर बसहीं, दरवांसी, गोधना, मैलोना, चंदापुर प्राथमिक विद्यालय नवधन (फकिरान बस्ती) का भवन भी मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुका है। मरम्मत का काम हो जाता तो बच्चों को सुविधा मिल जाती, लेकिन किसी की नजर इस ओर नहीं पड़ रही है।