उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) पेपर लीक के बाद से चर्चा में आया परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उधार के ऑफिस से कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं करा रहा है। 150 साल पुराने कार्यालय में बैठने की जगह तक नहीं है। यही कारण है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव और रजिस्ट्रार समेत 75 फीसदी स्टाफ राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में बैठता है और वहीं से तकरीबन डेढ़ दर्जन परीक्षाएं संचालित की जाती हैं।
पूर्व में रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं के नाम से चर्चित इस संस्था के पुराने कार्यालय में पूरे स्टाफ के बैठने की जगह नहीं है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने अपनी वेबसाइट पर जिस कार्यालय की फोटो लगाई है वह भी राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की है। चूंकि राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक के पास ही सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का अतिरिक्त प्रभार होता है।
इसलिए परीक्षा नियामक का काम विज्ञान शिक्षा संस्थान से होता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से कई बार शासन को एक अलग से कार्यालय आवंटित करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
कुछ समय पहले जिला विद्यालय निरीक्षक के पुराने कार्यालय को परीक्षा नियामक के लिए आवंटित भी किया लेकिन शिफ्टिंग नहीं हो सकी।
अब जबकि इस कार्यालय को यूपी-टीईटी समेत बेसिक शिक्षा परिषद और सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल की शिक्षक भर्ती जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा जिम्मा मिल चुका है, उसके बावजूद सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है।
1872 से एक ही ढर्रे पर चल रहा पीएनपी कार्यालय
प्रदेश की शिक्षा गुणवत्ता में निरन्तर सुधार करने के उद्देश्य से इस विभाग की स्थापना रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं, उत्तर प्रदेश के नाम से 1872 के आस-पास हुई थी। वर्ष 1921 में माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के गठन से पूर्व प्रदेश की सभी शैक्षिक परीक्षाओं का उत्तरदायित्व इस विभाग का था। हालांकि इतना लंबा समय बीतने और जिम्मेदारी में कई गुना इजाफा होने के बावजूद कार्यालय पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी कई बार शासन को भेजा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। अधिकारी, स्टाफ और सुविधाएं न बढ़ने के कारण परीक्षाएं कराना मुश्किल होता जा रहा है।
डेढ़ दर्जन परीक्षाएं कराता है पीएनपी
परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कार्यालय डेढ़ दर्जन से अधिक परीक्षाएं कराता है। यूपी-टीईटी, शिक्षक भर्ती परीक्षा के अलावा बीटीसी (डीएलएड), विशिष्ट बीटीसी, मृतक आश्रित बीटीसी, उर्दू बीटीसी प्रशिक्षण परीक्षा, शिक्षामित्रों की पत्राचार प्रशिक्षण परीक्षा, सीटी नर्सरी व डीपीएड प्रवेश व प्रशिक्षण परीक्षा, डिप्लोमा इन गाइडेन्स साइकोलॉजी, आंग्लभाषा डिप्लोमा, पुस्तकालय विज्ञान प्रमाणपत्र, जूनियर हाईस्कूल व हाईस्कूल स्तरीय उर्दू प्रवीणता, एकीकृत छात्रवृत्ति, राज्य स्तरीय राष्ट्रीय प्रतिभा खोज (प्रथम चरण) और राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा कराता है।