कानपुर, [समीर दीक्षित]। कोरोना महामारी के चलते माध्यमिक विद्यालयों में जो पढ़ाई का स्वरूप बदला, उससे छात्र तो प्रभावित हुए ही, साथ में शिक्षकों को भी अपने पढ़ाने का तरीका बदलना पड़ा। वहीं, शिक्षकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, छात्रों को महामारी के दौर से पहले वर्षों की तरह पढ़ाना। अब, इन मुश्किलों से कैसे पार पाया जाए? इसके लिए शासन स्तर पर प्रदेश के 10 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
इस प्रशिक्षण में सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल की कानपुर, लखनऊ व गाजियाबाद शाखा से शिक्षकों को बतौर मास्टर ट्रेनर का जिम्मा सौंपा गया। सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में उप प्रधानाचार्य मनीष सक्सेरिया ने बताया कि अक्टूबर से लेकर दिसंबर के पहले हफ्ते तक चली ट्रेनिंग के दौरान कुल 13 अलग-अलग चरण थे। इन चरणों में शिक्षकों को मुख्य रूप से तीन अलग-अलग एप के विषय में बताया गया। जो उनके व छात्रों के नजरिए से बेहद उपयोगी हैं।
.नियर पाड एप से एक माह तक लेक्चर की जानकारी
मनीष सक्सेरिया ने बताया, कि नियर पाड एप एक ऐसा एप है, जिसका उपयोग करने पर छात्र-छात्राएं किसी भी विषय के लेक्चर को एक माह तक पढ़ सकेंगे। उदाहरण के लिए बताया कि अगर छात्र का कोई लेक्चर किसी दिन छूट जाता है, तो वह आगामी एक माह तक उसे उक्त एप की मदद से पढ़ सकता है। इसी तरह गूगल फार्म एप की मदद से छात्र घर बैठे ही पेपर दे सकेंगे। इसके अलावा, क्विज एप की जानकारी भी शिक्षकों को दी गई। इस एप की सहायता से शिक्षक पाठ्यक्रम संबंधी सवाल-जवाब तैयार कर सकेंगे।
-शासन स्तर पर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई गई। इस ट्रेनिंग में जिले से हजारों की संख्या में शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। उम्मीद है, कि जल्द ही शिक्षकों द्वारा विद्यालयों में विभिन्न एप की मदद से पढ़ाई कराई जाएगी। -सतीश तिवारी, डीआइओएस