केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness allowance) बढ़ चुका है. 31 फीसदी की दर से पैसा मिल रहा है. लेकिन, अब केंद्रीय कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग है. 7th CPC की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू किया गया. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लगने की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी सीधे 6000 रुपए से 18000 रुपए हो गई. फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की डिमांड थी कि इसे 3 रखा जाए. अगर यह 3 होता तो मिनिमम सैलरी 26000 रुपए तक पहुंच सकती थी.
Fitment Factor से तय होती है सैलरी
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employees Salary) तय करने में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों (Salary Allowances) के अलावा उसकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से ही तय होती है. ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है.
क्या होता है Fitment Factor?
7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) के साथ बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है.
31,740 रुपए होगा सैलरी में इजाफा
उदाहरण के तौर पर- अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए. अगर इसी को 3 मान लिया जाए तो सैलरी होगी 26000X3= 78,000 रुपए. कर्मचारियों को इसमें बंपर फायदा मिलेगा.
3 फीसदी बढ़ाया गया DA
सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है. इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है. इस आधार पर DA में बढ़ोतरी तय की जाती है. DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है. अगस्त AICPI इंडेक्स 123 प्वाइंट पर है. इसलिए जुलाई 2021 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ता को 3 फीसदी बढ़ाया गया था.
DA में बढ़ोतरी के बाद TA उसी आधार पर बढ़ाया जाता है. DA में बढ़ोतरी TA से भी लिंक्ड है. इसी तरह HRA और मेडिकल रीम्बर्समेंट भी तय हो जाता है. जब सारे भत्ते कैलकुलेट हो जाते हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की मासिक CTC तय होती है.
PF, ग्रेच्युटी का योगदान
सभी तरह के भत्ते और सैलरी फाइनल होने के बाद अब बात आती है मासिक Provident Fund (PF) और ग्रेच्युटी योगदान की. PF और ग्रेच्युटी योगदान बेसिक सैलरी और DA से लिंक होता है. केंद्रीय कर्मचारी का PF और ग्रेच्युटी उसके फॉर्मूले से तय होता है. जब सारे भत्ते और कटौतियां CTC से हो जाती हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी तय होती है.