लखनऊ : अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक कालेजों के तदर्थ शिक्षकों को प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती 2021 में भारांक न मिलने पर शासन गंभीर है। शीर्ष कोर्ट की टिप्पणी के बाद सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से रिपोर्ट तलब की जा चुकी है और अब माध्यमिक शिक्षा के अफसर सोमवार को इस पर मंथन करने जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा था कि सरकार शिक्षकों को राहत पहुंचाने का रास्ता निकालेगी।
शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह बनाम उप्र सरकार के मुकदमे की सुनवाई में ही तदर्थ शिक्षकों को भर्ती में शामिल करने का निर्देश दिया गया था। पीजीटी-टीजीटी के लिए 1446 तदर्थ शिक्षकों ने आवेदन किया था, उनमें से केवल 126 शिक्षकों को ही भारांक दिया गया, 1300 से अधिक शिक्षकों को भारांक नहीं मिला। इसे शीर्ष कोर्ट ने नौ नवंबर को हुई गंभीरता से लिया। कोर्ट के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षकों से रिपोर्ट ली गई। शासन ने भी निर्देश दिया कि तदर्थ शिक्षकों की मूल पत्रवली व अभिलेखों का परीक्षण किया जाए। इसी क्रम में सोमवार को विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा निदेशक माध्यमिक व सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बैठक हो रही है। इसमें भारांक दिए जाने की क्या नियम व प्रक्रिया अपनाई गई पर मंथन होगा।