कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामलों पर कार्रवाई करते समय महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का पालन करें: केंद्र
केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने अपने एक आदेश में सभी विभागों से कहा है कि वे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामलों पर कार्रवाई करते समय महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का पालन करें। कुछ मामलों में ऐसा नहीं होने के कारण अदालतों ने हस्तक्षेप किया है। आदेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में आरोपित अधिकारी भी अपनी जांच के विभिन्न चरणों में प्रक्रियागत खामियों का लाभ उठाते हैं।
कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक मामलों में प्रक्रिया का पालन करें
आदेश के अनुसार यह देखा गया है कि अनुशासनात्मक प्राधिकरण (डीए), केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत अनुशासनात्मक मामलों पर गौर करते समय, कभी-कभी महत्वपूर्ण प्रक्रियागत आवश्यकताओं व समयसीमा का पालन करने में अनजाने ही नाकाम रहते हैं। न्याय सुनिश्चित करने और मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए इन प्रक्रियागत जरूरतों का अनिवार्य रूप से पालन करने की आवश्यकता है।
विभिन्न मामलों में देखी गई प्रक्रियागत खामियां
आदेश में कहा गया कि स्थापित नियमों के अनुसार जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं होने पर आरोपित अधिकारियों को उचित अवसर से वंचित करने के आधार पर अदालतों द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई को परे रखने को लेकर हस्तक्षेप किया जाता है। इसके साथ ही आदेश में कहा गया है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राय के लिए भेजे गए विभिन्न मामलों में भी ऐसी प्रक्रियागत खामियां देखी गई हैं।
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केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसा महसूस किया गया है कि इस कदम से प्रशासनिक मंत्रालयों व विभागों को अनुशासनात्मक मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद मिलेगी।