प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 2019 में भर्ती परीक्षाओं में व्यापक बदलाव किया था। संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर प्रमुख परीक्षाओं का पैटर्न बदला गया। इसके मद्देनजर पीसीएस परीक्षा से रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, उर्दू, फारसी, कृषि अभियांत्रिकी जैसे विषय बाहर कर दिए गए, जबकि इन्हीं से प्रतियोगियों को बेहतर अंक मिलते थे। यही कारण है कि प्रतियोगी पीसीएस परीक्षा से बाहर किए गए विषयों को पुन: शामिल कराने की मांग कर रहे हैं। प्रतियोगी इंटरनेट मीडिया पर इसके लिए अभियान चला रहे हैं। लोसेआ अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र
लिखकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग ने परीक्षा में प्रश्नों का स्तर कठिन कर दिया। पेपर विज्ञान और अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। स्केलिंग व माडरेशन व्यवस्था का नियमानुसार प्रयोग नहीं हो रहा है। पीसीएस की परीक्षा से अच्छे अंक दिलाने वाले विषयों को बाहर कर दिया गया। पीसीएस के अलावा यूपीपीएससी की दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र का स्तर भी पहले की अपेक्षा कठिन कर दिया गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि अचानक विषयों को बाहर करना प्रतियोगियों के साथ अन्याय है। आयोग अपनी गलती सुधारते हुए हटाए गए विषयों को परीक्षा में शामिल करे।