लखनऊ : कोरोना काल में सेवानिवृत्त हुए राज्य सरकार के कार्मिकों को ग्रेच्युटी व राशिकरण के भुगतान में नुकसान से बचाने के लिए राज्य सरकार ने इस अवधि में फ्रीज की गई महंगाई भत्ते (डीए) की अतिरिक्त किस्तों का लाभ उन्हें देने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार की ओर से इस आशय का आदेश जारी करने के बाद वित्त विभाग ने भी मंगलवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक जो कार्मिक पहली जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक सेवानिवृत्त हुए हैं, उनके ग्रेच्युटी व राशिकरण की गणना के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल भत्ते का 21 प्रतिशत माना जाएगा। एक जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि में रिटायर हुए कार्मिकों के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल वेतन का 24 प्रतिशत माना जाएगा। वहीं पहली जनवरी 2021 से 30 जून तक की अवध में सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल वेतन का 28 प्रतिशत माना जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से इस आशय का आदेश जारी करने के बाद वित्त विभाग ने भी मंगलवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के मुताबिक जो कार्मिक पहली जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक सेवानिवृत्त हुए हैं, उनके ग्रेच्युटी व राशिकरण की गणना के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल भत्ते का 21 प्रतिशत माना जाएगा। एक जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि में रिटायर हुए कार्मिकों के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल वेतन का 24 प्रतिशत माना जाएगा। वहीं पहली जनवरी 2021 से 30 जून तक की अवध में सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए महंगाई भत्ते की दर को मूल वेतन का 28 प्रतिशत माना जाएगा।