सुल्तानपुर। बीए व बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी करने के आरोप में कादीपुर विकास खंड के विद्यालय डंड़िया में कार्यरत प्रधानाध्यापक को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। इसके पूर्व भी प्रधानाध्यापक पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी, लेकिन कोर्ट के आदेश से उसने ज्वॉइन कर लिया था। कागजात फर्जी होने के संदेह में शिक्षक को वेतन निर्गत नहीं किया जा रहा था।
जौनपुर जिले के शाहगंज क्षेत्र निवासी अंबिका ने बाराबंकी जनपद में शिक्षक की नौकरी हासिल की थी। बाद में अंतर जनपदीय स्थानांतरण लेकर वह कादीपुर के प्राथमिक विद्यालय डंड़िया में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात हो गया था। तैनाती के दौरान किसी ने कागजात फर्जी होने की शिकायत कर दी थी। जांच के बाद कागजात फर्जी होने की पुष्टि होने पर तत्कालीन बीएसए कौस्तुभ कुमार सिंह ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी नोटिस मिलने के बाद अंबिका ने कोर्ट की शरण ली, जहां से ज्वॉइन कराते हुए वेतन निर्गत करने का आदेश मिला। कागजात संदिग्ध होने की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग ने फिर से बीए व बीएड के कागजातों का सत्यापन कराया।
इसमें महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के परीक्षा नियंत्रक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उक्त अनुक्रमांक पर कोई भी अंकपत्र निर्गत नहीं किया गया है। मामले में फिर से अंबिका को सात अप्रैल 2021 को नोटिस जारी कर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया। नोटिस मिलने के बाद भी न तो कोई साक्ष्य उपलब्ध कराया गया और न ही स्पष्टीकरण ही दिया गया। मामले में बीएसए दीवान सिंह यादव ने अंबिका की सेवाएं नियुक्ति तिथि से समाप्त कर दिया।
वेतन आदि की वसूली के निर्देश
फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने वाले शिक्षक अंबिका की सेवाएं नियुक्ति तिथि से समाप्त की गई हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि संबंधित अध्यापक को दिए गए वेतन आदि का आकलन कर नियमानुसार वसूली की कार्रवाई करें, ताकि राजकोष के नुकसान की भरपाई की जा सके।
- दीवान सिंह यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।