प्रयागराज : सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने के लिए शासन की तरफ से तमाम प्रयास हो रहे हैं। इस मुहिम में स्कूलों के शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक व पुरा छात्र भी कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। इसकी बानगी केपी गर्ल्स कालेज में देखी जा सकती है। यहां जो शिक्षिका सेवानिवृत्त होती हैं वह स्वेच्छा से विद्यालय को कुछ न कुछ संसाधन मुहैया कराकर विदा लेती हैं।
इससे आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने में मदद मिल रही है। कई शिक्षिकाओं ने मेधावियों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति देने की भी परंपरा शुरू की है। स्कूल की प्रधानाचार्य अमिता सक्सेना ने बताया कि विद्यालय की सभी शिक्षकों का लक्ष्य है कि उनका विद्यालय अलग पहचान बनाएं। विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास मिले। निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं भी मुहैया हों। पठन पाठन भी स्तरीय हो इसके लिए हम सब प्रयासरत हैं। स्कूल की जो शिक्षिका सेवानिवृत्त होती हैं वह कुछ न कुछ बच्चों के लिए संसाधन देकर जाती हैं। हाल ही में लवनीता श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हुईं। उन्होंने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी मेज का इंतजाम किया। पुष्पा मेहरा ने भी स्कूल परिसर में झूला लगवाया। रेखा अग्रवाल ने बच्चों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ की व्यवस्था की। राखी चौधरी ने 12 पंखे भेंट किए। स्कूल की शिक्षिका जो अध्यापन कार्य कर रही हैं वह भी समय-समय पर जरूरत के अनुसार तमाम चीजें देती रहती हैं। पिछले दिनों मैंने स्वयं एलईडी का इंतजाम किया जिससे बच्चे शैक्षिक कार्यक्रम देख सकें। पूर्व प्रधानाचार्य मिताली दत्ता ने भी माइक व आडियो सिस्टम भेंट किया है। संसाधनों के बढ़ने से कई निजी स्कूलों की छात्राओं ने भी यहां प्रवेश लिया है। इस बार 100 से अधिक नए दाखिले हुए हैं। छात्राओं को अध्ययन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पूर्व प्रधानाचार्य आनंदी, सेवानिवृत्त शिक्षिका अन्नू श्रीवास्तव व दीपाली ने बच्चों के लिए अपनी तरफ से छात्रवृत्ति देना शुरू किया है। यह छात्रवृत्ति कक्षा दस और 12वीं में सबसे अधिक अंक पाने वाले दो-दो विद्यार्थियों को दिया जाता है। एक छात्रवृत्ति इतिहास विषय में अधिक अंक के लिए भी दी जाती है। 10वीं के विद्यार्थियों को 1100 रुपये व 12वीं के विद्यार्थियों को 2100 रुपये मिलते हैं।
इससे आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने में मदद मिल रही है। कई शिक्षिकाओं ने मेधावियों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति देने की भी परंपरा शुरू की है। स्कूल की प्रधानाचार्य अमिता सक्सेना ने बताया कि विद्यालय की सभी शिक्षकों का लक्ष्य है कि उनका विद्यालय अलग पहचान बनाएं। विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास मिले। निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं भी मुहैया हों। पठन पाठन भी स्तरीय हो इसके लिए हम सब प्रयासरत हैं। स्कूल की जो शिक्षिका सेवानिवृत्त होती हैं वह कुछ न कुछ बच्चों के लिए संसाधन देकर जाती हैं। हाल ही में लवनीता श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हुईं। उन्होंने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी मेज का इंतजाम किया। पुष्पा मेहरा ने भी स्कूल परिसर में झूला लगवाया। रेखा अग्रवाल ने बच्चों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ की व्यवस्था की। राखी चौधरी ने 12 पंखे भेंट किए। स्कूल की शिक्षिका जो अध्यापन कार्य कर रही हैं वह भी समय-समय पर जरूरत के अनुसार तमाम चीजें देती रहती हैं। पिछले दिनों मैंने स्वयं एलईडी का इंतजाम किया जिससे बच्चे शैक्षिक कार्यक्रम देख सकें। पूर्व प्रधानाचार्य मिताली दत्ता ने भी माइक व आडियो सिस्टम भेंट किया है। संसाधनों के बढ़ने से कई निजी स्कूलों की छात्राओं ने भी यहां प्रवेश लिया है। इस बार 100 से अधिक नए दाखिले हुए हैं। छात्राओं को अध्ययन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पूर्व प्रधानाचार्य आनंदी, सेवानिवृत्त शिक्षिका अन्नू श्रीवास्तव व दीपाली ने बच्चों के लिए अपनी तरफ से छात्रवृत्ति देना शुरू किया है। यह छात्रवृत्ति कक्षा दस और 12वीं में सबसे अधिक अंक पाने वाले दो-दो विद्यार्थियों को दिया जाता है। एक छात्रवृत्ति इतिहास विषय में अधिक अंक के लिए भी दी जाती है। 10वीं के विद्यार्थियों को 1100 रुपये व 12वीं के विद्यार्थियों को 2100 रुपये मिलते हैं।
lकेपी गर्ल्स कालेज में सेवानिवृत्त होने वाली शिक्षक स्कूल में संसाधन जुटाने में दे रहीं मदद lकुर्सी मेज, आरओ, बच्चों के लिए झूला, पंखा, स्मार्ट टीवी जैसे संसाधन मिले हैं स्कूल को