बांदा, जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बुधवार को प्रशासन पोषण पाठन अभियान के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय डिंगवाही का निरीक्षण किया और बच्चों को पढ़ाया है। इस दौरान अधिकांश बच्चे 100 तक गिनती सुना पाये।जिससे सभी अध्यापकों का माह नवम्बर का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी द्वारा कक्षा-1 व 02 के छात्रों से गिनती सुनी गयी। अधिकांश छात्रों द्वारा मात्र 10, 20 तक गिनती सुनाई। केवल दो बच्चे 100 तक की गिनती सुना पाये। इसी तरह कक्षा-5 के छात्रोंं से पहाड़ा सुना गया है, जिसमें 66 छात्रों में से मात्र 21 छात्रों द्वारा ही 20 तक पहाड़ा सुनाया गया। शेष छात्रों को पहाडा नही याद था तथा उक्त कक्षा के छात्र गणित विषय में काफी कमजोर पाये गये। कुछ छात्रों से पांच करोड़ लिखने को कहा गया किन्तु अधिकांश छात्र नहीं लिख पाये। मात्र एक छात्रा कोमल ही सही लिख पायी।
इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा 'प्रशासन पोषण पाठन अभियान' के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय डिंगवाही का निरीक्षण किया गया। उन्होंने मीनू के मुताबिक पाया कि बच्चों को खिचड़ी एवं दूध दिया जाना था किन्तु बच्चों को मात्र खिचड़ी ही दी जा रही है, दूध उपलब्ध नहीं कराया गया। विद्यालय के शौचालय बहुत गन्दे तथा वासवेशिन में पानी की सप्लाई नहीं थी। खेल सामाग्री कक्ष में ताला बन्द पाया गया।
विद्यालय में पायी गयी कमियां एवं पठन-पाठन की प्रक्रिया अत्यन्त खराब पाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया तथा सभी अध्यापकों का माह नवम्बर का वेतन रोकने तथा शिक्षामित्र का मानदेय रोके जाने के निर्देश दिये गये है। इसके अतिरिक्त जनपद के 202 विद्यालयों में लगाए गए 101 जिला स्तरीय अधिकारियों ने वैक्सीनेशन कराया और विद्यालयों में पठन-पाठन के कार्य को परखा गया।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर सौरभ यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी राम प्रकाश, डॉ. नरेर्न्द्र विश्वकर्मा चिकित्सा अधिकारी बड़ोखर खुर्द, ग्राम प्रधान रामऔतार, आंगनबाड़ी कार्यकत्री सीमा राजपूत, मिथलेश एवं गीता देवी तथा आशा बहू कमला, गीता, सावित्री एवं अर्चना यादव आदि उपस्थित रहें।
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बांदा। कुंडी खटखटाओ-टीका लगाओ। वैक्सीनेशन के इस अभियान में बुधवार को डीएम अनुराग पटेल ने डिंगवाही गांव में दस्तक दी। खुद घर-घर जाकर महिला-पुरुषों का टीकाकरण कराया। उधर, गांव के प्राथमिक स्कूल में घटिया पठन-पाठन और अव्यवस्थाओं पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब करते हुए स्कूल के सभी अध्यापकों और शिक्षामित्र का नवंबर माह का वेतन रोक दिया। तीन लोगों द्वारा टीका न लगवाए जाने पर उनके सरकारी कोटे की दुकान से राशन लेने पर रोक लगा दी।
डीएम को गांव के प्रधान व आंगनबाड़ी ने बताया कि रामभजन, राधेश्याम और बैजनाथ टीका नहीं लगवा रहे। डीएम ने कोटेदार को निर्देश दिया कि यह तीनों जब तक वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र न दिखाएं तब तक इनको राशन न दिया जाए।
डीएम ने कई महिला-पुरुषों को खुद टीका लगवाया। प्रशासन पोषण पाठन अभियान के तहत गांव के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। मेन्यू में दूध-खिचड़ी थी, लेकिन सिर्फ खिचड़ी ही दी गई। शौचालय गंदा और पानी की आपूर्ति नहीं थी।
डीएम ने बच्चों से गिनती सुनी। दो बच्चे ही सौ तक गिनती सुना पाए। 66 में सिर्फ 21 बच्चों को पहाड़े याद थे। गणित काफी कमजोर मिली। एक बालिका को छोड़कर अन्य बच्चे पांच करोड़ के अंक नहीं लिख पाए।
इन अव्यवस्थाओं पर डीएम ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही स्कूल के सभी अध्यापकों और शिक्षामित्र का नवंबर माह का वेतन/मानदेय रोक दिया। डिप्टी कलेक्टर सौरभ यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी राम प्रकाश, आंगनबाड़ी सीमा राजपूत, मिथलेश व गीता, आशा कमला, गीता, सावित्री, अर्चना यादव आदि उपस्थित रहीं।
उधर, प्रशासन पोषण पाठन अभियान के तहत बुधवार को जनपद के 101 जिला स्तरीय अफसरों ने अपने आवंटित गांवों में ग्रामीणों का टीकाकरण कराया और परिषदीय स्कूलों के पठन-पाठन को परखा। डीएम अनुराग पटेल ने डिंगवाही गांव में प्राथमिक विद्यालय में यह काम अंजाम दिया।