उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बेसिक विद्यालयों में खाली शिक्षक पदों का विवरण जुटाने और नवीन पद सृजन की जरूरतों की तलाश के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि कमेटी जल्द से जल्द 15 दिन में बेसिक स्कूलों में रिक्त पदों का ब्यौरा दे लेकिन 2 माह होने वाला है,अभी तक अधिकारी रिपोर्ट देने में असमर्थ रहे हैं।
चेयरमैन, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सचिव, बेसिक शिक्षा और सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद बतौर सदस्य शामिल हैं तब भी अभी तक रिक्त पदों का आंकड़ा नही मिल पाया है।उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के लाखों पद रिक्त होने के कारण अभ्यर्थियों के द्वारा लगातार ये मांग की जा रही है कि नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी हो।उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार जब 2017 में बनी थी उस समय कुल प्राथमिक विद्यालय की संख्या 113249 थी एवं उस समय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षक 399273 थे, 2017 में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के स्वीकृत पद 5.65 लाख थे। उस समय उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 165727 पद खाली थे। 2017 से लेकर अब तक कम से कम लगभग 75000 प्राथमिक शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कोई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है,137000 शिक्षामित्रों का जो समायोजन रद्द हुआ यानी वह पहले अध्यापक थे उसी को सरकार 2 पार्ट में भर्ती को करवा पाई है।प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है। कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन हैं। रसोईया तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं, 2021 में प्राथमिक विद्यालयों में 1.80 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया। युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय नें आरटीआई के डाटा का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 2 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। टेट सीटेट पास अभ्यर्थियों की संख्या 10 लाख के ऊपर है जो शिक्षित होते हुए बेरोजगार हैं सरकार को जल्द से जल्द 97 हजार पदों पर विज्ञापन जारी करना चाहिए। सरकार विज्ञापन जारी करने में विलंब कर रही है, बंटी पाण्डेय ने बताया कि अब अगर जल्द से जल्द विज्ञापन जारी नहीं हुआ तो बड़े स्तर का आंदोलन लखनऊ में होगा।
चेयरमैन, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सचिव, बेसिक शिक्षा और सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद बतौर सदस्य शामिल हैं तब भी अभी तक रिक्त पदों का आंकड़ा नही मिल पाया है।उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के लाखों पद रिक्त होने के कारण अभ्यर्थियों के द्वारा लगातार ये मांग की जा रही है कि नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी हो।उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार जब 2017 में बनी थी उस समय कुल प्राथमिक विद्यालय की संख्या 113249 थी एवं उस समय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षक 399273 थे, 2017 में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के स्वीकृत पद 5.65 लाख थे। उस समय उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 165727 पद खाली थे। 2017 से लेकर अब तक कम से कम लगभग 75000 प्राथमिक शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कोई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है,137000 शिक्षामित्रों का जो समायोजन रद्द हुआ यानी वह पहले अध्यापक थे उसी को सरकार 2 पार्ट में भर्ती को करवा पाई है।प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है। कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन हैं। रसोईया तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं, 2021 में प्राथमिक विद्यालयों में 1.80 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया। युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय नें आरटीआई के डाटा का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 2 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। टेट सीटेट पास अभ्यर्थियों की संख्या 10 लाख के ऊपर है जो शिक्षित होते हुए बेरोजगार हैं सरकार को जल्द से जल्द 97 हजार पदों पर विज्ञापन जारी करना चाहिए। सरकार विज्ञापन जारी करने में विलंब कर रही है, बंटी पाण्डेय ने बताया कि अब अगर जल्द से जल्द विज्ञापन जारी नहीं हुआ तो बड़े स्तर का आंदोलन लखनऊ में होगा।