वाराणसी : परिषदीय स्कूलों को प्रेरक स्कूल बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए शिक्षकों को तीन मॉड्यूल पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आधारशिला, ध्यानाकर्षण व शिक्षण संग्रह मॉड्यूल के अनुसार शिक्षकों को बच्चों को तैयार करना है। लेकिन वाराणसी मंडल के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को पता ही नहीं है कि ध्यानाकर्षण मॉड्यूल क्या है
आईवीआरएस सैंपल सर्वे में प्रधानाध्यापकों से ध्यानाकर्षण मॉड्यूल के बारे में पूछा गया। इसमें प्रदेश के प्रधानाध्यापकों की स्थिति अच्छी नहीं है। वाराणसी मंडल के जिलों में भी कुछ ऐसा ही हाल है। वाराणसी में जहां 30 प्रतिशत हेडमास्टरों ने स्वीकर किया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं गाजीपुर में 26 प्रतिशत शिक्षक, चंदौली में 21 प्रतिशत व जौनपुर में 19 प्रतिशत शिक्षकों को इसके बारे में नहीं जानते हैं।
आईवीआरएस सैंपल सर्वे रिपोर्ट बनाने के लिए प्रत्येक जिले में प्रधानाध्यापकों को कॉल कर उनसे ध्यानाकर्षण मॉड्यूल के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। प्रदेश भर के एक तिहाई शिक्षकों को ध्यानाकर्षण मॉड्यूल की जानकारी तक नहीं है। सर्वे रिपोर्ट के बाद शासन ने सभी बीएसए को सख्त निर्देश देते हुए अपने जिले का हाल सुधारने को कहा है। शासन ने सभी शिक्षकों को व्हाट्सएप ग्रुप व अन्य माध्यमों से सभी शिक्षकों को विभाग द्वारा विकसित तीनों मॉड्यूल के बारे में जानकारी देने की बात कहीं है। ताकि अगले राउंड की कॉलिंग में सभी शिक्षकों को इसकी बेहतर जानकारी हो। बीएसए राकेश सिंह ने कहा कि सर्वे में सामने आया है कि 30 प्रतिशत शिक्षकों को ध्यानाकर्षण मॉड्यूल के बारे में जानकारी नहीं है। इसके लिए शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित कर इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।