27 नवंबर तक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को वेबसाइट पर जानकारी अपडेट करने दिया बोर्ड ने समय।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए जिले में केंद्र निर्धारण को लेकर डीआईओएस द्वारा जारी की जा चुकी है आदेश।
यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 27 नवंबर से शुरू होगी और अंतिम सूची 24 जनवरी को जारी कर दी जाएगी। 27 नवंबर तक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करनी होगी। दो दिसंबर तक तहसील स्तरीय कमेटी में नामित राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को विभाग की ओर से जारी किए गए एप के माध्यम से जियो टैगिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत ही केंद्र निर्धारण होगा। जिले में दो कमेटी बनाई गई हैं। पहली कमेटी तहसील स्तरीय है, जिसमें एसडीएम अध्यक्ष, नामित अभियंता सदस्य, तहसीलदार सदस्य, डीआईओएस या उनके द्वारा नामित एडीआईओएस, राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य शामिल हैं। इसके अलावा जिला स्तरीय समिति में डीएम अध्यक्ष, डीआईओएस सदस्य सचिव, बीएसए सदस्य, एसडीएस सदस्य, दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य सदस्य के तौर पर शामिल हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक को केंद्र निर्धारण के संबंध में शर्तों की लिस्ट सहित आदेश जारी किया है। बालिकाओं के लिए परीक्षा केंद्र या तो सेल्फ सेंटर रहेगा, यानी जिस विद्यालय में वह पढ़ती हैं, उसी में परीक्षा केंद्र। अगर, यह संभव नहीं होता है तो पांच किमी दायरे के किसी विद्यालय में केंद्र रहेगा। वहीं, बालकों के लिए परीक्षा केंद्र उनके विद्यालय के 10 किमी दायरे विद्यालयों बनाया जाएगा। पूर्व में जिन विद्यालयों के द्वारा परिषद की वेबसाइट पर आधारभूत सूचनाएं अपलोड की गई हैं। अगर, उसमें कोई बदलाव हुआ है तो विद्यालय प्रबंधक सूचना फिर से अपलोड कर दें। 15 विद्यालयों की आधारभूत सूचनाओं का सत्यापन औचक निरीक्षण के तौर पर होगा। राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की विकासखंडवार समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति परिषद द्वारा विकसित मोबाइल एप को अपने एंड्रॉयड फोन में डाउनलोड कर आवंटित विद्यालयों का दौरा करेंगे। वहीं से जियो लोकेशन अपलोड करेंगे। जिस विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, उसके सामने कम से कम दस फीट चौड़ी सड़क होना अनिवार्य है। ऐसे किसी भी विद्यालय को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जिसे पूर्व में ब्लैक लिस्ट किया हो, जिनकी प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य के बीच विवाद चल रहा होगा। साथ ही ऐसे विद्यालय भी केंद्र नहीं बनाए जाएंगे, जिन निजी विद्यालयों में हॉस्टल सुविधा होगी। एक केंद्र पर कम से कम 250 और क्षमता के अनुसार अधिकतम 1200 परीक्षार्थियों को रखा जाएगा। परीक्षार्थियों के बीच छह-छह फीट की दूरी के हिसाब से बैठने की व्यवस्था की जाएगी।