याेगी सरकार बदलने जा रही पेंशन देने का तरीका, 01 अप्रैल से लागू होगा नया नियम


ई-पेंशन प्रणाली को और सहज बनाएगी सरकार, अप्रैल से लागू होगी नई व्यवस्था, हर स्तर पर तय होगी समयसीमा-जिम्मेदारी


■ सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व भेजे जाएंगे एसएमएस अलर्ट

■ पेंशन मंजूरी के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे डीडीओ


याेगी सरकार बदलने जा रही पेंशन देने का तरीका, 01 अप्रैल से लागू होगा नया नियम






योगी सरकार सरकारी सेवा से रिटायर्ड होने वाले पेंशनर्स के लिए ई-पेंशन प्रणाली को पूरी तरह लागू करने जा रही है। इस व्यवस्था के तहत सेवा के अंतिम छह माह के अंदर ही कार्मिक से उससे संबंधित विवरण ऑनलाइन मांग ली जाएगी। इसके बाद संबंधित जिम्मेदार अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पेंशन आदेश जारी होने तक की प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें। यह व्यवस्था एक अप्रैल 2022 से राज्य में लागू होगी। नई व्यवस्था से राज्य के करीब 14.82 लाख पेंशनर्स जोड़े जाएंगे। 

एक अप्रैल से लागू होगी यह नई व्यवस्था

एक अप्रैल से पहले चरण में नये सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को इस सुविधा के तहत सेवाएं दी जाएंगी। बाद में पुराने पेंशनर्स का भी डेटा आनलाइन प्रणाली से जोड़ा जाएगा। यह जानकारी सचिव वित्त संजय कुमार ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि पेंशनर्स को अब उनके पेंशन निर्धारण तथा अन्य समस्याओं से संबंधित सूचनाएं मोबाइल मैसेज के माध्यम से जाएगा। मैसेज के साथ एक लिंक भी होगा जिसे खोलकर वह संबंधित सूचना दे देगा। पेंशन से संबंधित सभी अलर्ट हर 15 दिन पर मोबाइल मैसेज के माध्यम से अलर्ट के रूप में भेजी जाएगी। सेवानिवृत्ति के दो माह के अंदर ही पेंशनर्स का पेंशन प्रमाण पत्र (पीपीओ) जेनरेट हो जाएगा। 

पेंशन आदेश जारी होने तक की प्रक्रिया की समयसीमा तय होगी

उन्होंने बताया कि पेंशन के लिए आनलाइन आवेदन के साथ ही पीपीओ जारी करने तक की समय सारिणी निर्धारित होगी। ई-पेंशन के तहत आनलाइन विवरण देने के बाद कर्मचारी की भागदौड़ पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसके पश्चात संबंधित आहरण वितरण अधिकारी द्वारा पेंशन प्रपत्रों का सत्यापन किया जाएगा। पेंशन प्रपत्र आनलाइन ही सिस्टम पर अपलोड कर दिया जाएगा। जिसके बाद पीपीओ जारी करने वाले अधिकारी पेंशन के भुगतान से संबंधित आदेश आनलाइन ही जारी करेंगे। इसके लिए साफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने का काम अंतिम चरण में है। पेंशन प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा शासन स्तर पर आनलाइन होगा।



लखनऊ :राज्य सरकार की सेवा से रिटायर होने वाले कार्मिकों को अपनी पेंशन के कागजात तैयार कराने के लिए दफ्तरों और आहरण-वितरण अधिकारियों (डीडीओ) के चक्कर नहीं लगाने होंगे। रिटायरमेंट से छह महीने पहले कार्मिक पेंशन के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेगा। औपचारिकताएं पूरी करने के लिए डीडीओ जिम्मेदार होंगे। पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया के लिए हर स्तर पर समयसीमा तय की जाएगी और जिम्मेदारी भी।
राज्य सरकार ने ई-पेंशन प्रणाली को और सहज और कर्मचारी हितैषी बनाने का निर्णय किया है। नई व्यवस्था को अगले साल अप्रैल से लागू किया जाएगा। शासनादेश जल्दी जारी किया जाएगा। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को अब रिटायरमेंट के छह महीने पहले ही ई-पेंशन प्रणाली के तहत पेंशन के लिए आनलाइन आवेदन करने की सुविधा होगी। सचिव वित्त संजय कुमार ने बताया कि प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत कर्मचारी की सेवानिवृति के छह महीने पहले डीडीओ डाटाबेस भरवाएंगे।



लखनऊ : सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए संबंधित कर्मचारी को एसएमएस भेजकर अलर्ट किया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी को 15-15 दिन के अंतराल पर एसएमएस अलर्ट तब तक भेजे जाते रहेंगे जब तक वह पेंशन संबंधी कार्यवाही पूरी न कर ले। पेंशन प्रपत्रों में अंकित विवरण का सत्यापन डीडीओ को करना होगा। आनलाइन भरे गए आवेदन पत्र में अंकित विवरण के सत्यापन के बाद पेंशन प्रपत्र आनलाइन पेंशन सिस्टम पर अपडेट कर दिए जाएंगे। इसके आधार पर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने वाले प्राधिकारी परीक्षण के बाद पेंशन भुगतान आदेश आनलाइन जारी कर देंगे।

इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न चरणों में पेंशनर के मोबाइल पर निर्धारित समय सारिणी के अनुसार एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी, ताकि पेंशन स्वीकृति की प्रगति की जानकारी मिलती रहे। आवेदन करने से लेकर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने तक के लिए समय सारिणी निर्धारित की जाएगी, जिसका पालन करने के लिए हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। यदि कोई प्राधिकारी समय सारिणी में निर्धारित समय सीमा के सापेक्ष विलंब करेगा तो उसे और उसके उच्चाधिकारियों को एसएमएस और ई-मेल के जरिये अलर्ट भेजे जाएंगे। ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति में अभी समय बाकी है, उनसे संबंधित विवरण का डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा ताकि उनकी उनके रिटायरमेंट के समय जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहें।