झांसी। इस बार विद्यालयों में यूनिफॉर्म देकर सीधे न अभिभावकों के खाते में इसका पैसा भेजा जाना है, लेकिन अभी तक किसी भी अभिभावक के खाते में पैसा नहीं पहुंचा है। इसके लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। इसकी वजह पंजीकृत छात्रों की फीडिंग का पूरा नहीं होना है।
झांसी। इस बार विद्यालयों में यूनिफॉर्म देकर सीधे न अभिभावकों के खाते में इसका पैसा भेजा जाना है, लेकिन अभी तक किसी भी अभिभावक के खाते में पैसा नहीं पहुंचा है। इसके लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। इसकी वजह पंजीकृत छात्रों की फीडिंग का पूरा नहीं होना है।
कोरोना संक्रमण के चलते शासन के निर्देश पर सभी विद्यालय बंद रहे। दूसरी लहर के बाद स्थिति में सुधार होते ही शासन के निर्देश पर सभी विद्यालय और कालेज • कोविड प्रोटोकाल के तहत खोले गए। परिषदीय विद्यालय 24 अगस्त से खोले गए। इसके बाद स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई सुचारु कराने के लिए पुस्तकें वितरित की गई।
वहीं बच्चों को स्कूलों से मिलने वाले ड्रेस और जूते मोजे की जगह अभिभावकों के खाते में प्रति छात्र 1256 रुपये भेजी जानी थी, लेकिन अभी तक पंजीकृत छात्रों की फीडिंग नहीं हो सका है जिससे कार्य रुका है। बीएसए वेद राम ने बताया कि फीडिंग का कार्य पूरा होने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा। इसमें दो महीने से अधिक का समय लग सकता है।