लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध 27 हजार से अधिक कालेजों में कक्षा नौ की परीक्षा का प्रारूप बदल गया है। इम्तिहान में पहली बार छात्र-छात्रओं को बहुविकल्पीय सवालों का भी जवाब देना होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग का यह दूसरा कदम है। इसके पहले पाठ्यक्रम को एनसीईआरटी की तर्ज पर किया जा चुका है। वजह, प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सवाल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से ही तैयार होते रहे हैं।
बेसिक पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र-छात्रओं की माध्यमिक स्तर की पढ़ाई कक्षा नौ से ही शुरू होती है। अभी तक कक्षा नौ में सिर्फ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। यूपी बोर्ड इसी शैक्षिक सत्र से परीक्षा का प्रारूप बदल रहा है। अब प्रश्नपत्र में दो खंड होंगे। पहले खंड में पूर्णांक का 30 फीसद अंकों के बहुविकल्पीय सवाल होंगे, जबकि दूसरे खंड में 70 प्रतिशत अंकों के वर्णनात्मक प्रश्न होंगे। वहीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की परीक्षा पिछले वर्ष के अनुसार होगी। विभाग कालेजों में मासिक टेस्ट कराने के साथ ही त्रैमासिक परीक्षाएं भी कराएगा, उसके भी पूर्णांक जारी किए गए हैं।
कोरोना संक्रमण से लिया सबक
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण से सबक सीखा है। 2021 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं नहीं हो सकी। यूपी बोर्ड को सभी कालेजों से कक्षा नौ व 11 की वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षा के साथ ही प्रीबोर्ड तक के अंक मांगने पड़े थे। इस बार से कालेजों को मासिक से लेकर वार्षिक परीक्षा के बाद सभी विद्यार्थियों के अंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
प्रार्थना के बाद बताया जाएगा महापुरुषों का जीवन चरित्र
निर्देश है कि हर कालेज में प्रतिदिन प्रार्थना सभा हो। इसमें शिक्षक व विद्यार्थी आज का सुविचार प्रस्तुत करेंगे। साथ ही विद्यार्थियों को हर दिन महापुरुषों का जीवन चरित्र, पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जानकारी दी जाएगी।