अध्यापकों की नियुक्तियां अब नए नियमों से की जाएंगी, विद्यापीठ कार्यपरिषद की हरी झंडी, संविवि में हो रही तैयारी


वाराणसी : सूबे के अब सभी राज्य विश्वविद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए एक समान चयन प्रक्रिया अपनाई जाएंगी। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संस्कृत विश्वविद्यालय ने अब नए नियमों के तहत अध्यापकों की नियुक्तियां करने का निर्णय लिया है। विद्यापीठ कार्यपरिषद ने इसकी हरी झंडी भी दे दिया है। वहीं संस्कृत विवि में भी कार्यपरिषद से अनुमोदन की तैयारी चल रही है।


काशी विद्यापीठ में जुलाई 2020 में 73 अध्यापकों के नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए थे। इसमें 16 पद प्रोफेसर, 13 पद एसोसिएट प्रोफेसर, 44 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों शामिल थे। हालांकि विद्यापीठ प्रशासन चयन प्रक्रिया अब तक नहीं शुरू कर सका है। इसी प्रकार संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनवरी 2019 में 73 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, इनमें 11 प्रोफेसर, छह एसोसिएट प्रोफेसर व 60 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद शामिल थे। संस्कृत विवि महज 15 पदों पर ही शिक्षकों की नियुक्ति कर सका है। अगस्त 2020 में रिक्त पदों के लिए एक बार फिर चयन प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन राजभवन के आदेश पर साक्षात्कार अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वर्तमान में संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापकों के 75 पद रिक्त चल रहे हैं। इस प्रकार दोनों विश्वविद्यालयों में अध्यापकों के 150 से अधिक पद रिक्त हैं। अब दोनों विश्वविद्यालयों में नए सिरे से विज्ञापन जारी होगा। इसके लिए दोनों विश्वविद्यालयों ने मंथन भी शुरू कर दिया है। संस्कृत विवि में आरक्षण के रोटेशन भी लगभग तय कर लिया गया है।

नई नियमावली नियुक्तियों में अनियमितताओं को रोकने के लिए बनाई गई है। इसमें साक्षात्कार का महज दस अंक निर्धारित किया गया है। वहीं अब नियुक्तियों के लिए लिखित परीक्षा भी होगी।



असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए

अंकों के गुणांक

20 अंक यूजी, पीजी, एमफिल पर 30 अंक एपीआइ स्कोर पर

20 अंक लिखित परीक्षा पर

20 अंक शिक्षण कौशल पर

(आनलाइन पढ़ाने के तरीके पर)

10 अंक साक्षात्कार पर

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

• आवेदन पत्रों की जांच के लिए गठित होगी संवीक्षा समिति का

• लिखित परीक्षा में आब्जेक्टिव टाइप के पूछे जाएंगे प्रश्न ।

• चयन समिति के समक्ष पढाने का देना होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन।

• टीचिंग स्किल व साक्षात्कार का आडियो व वीडियो रखना होगा तीन माह तक सुरक्षित।