कैबिनेट का फैसला: वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर को मंजूरी, कैबिनेट बाई सकरुलेशन के जरिये दी गई सात प्रस्तावों को स्वीकृति


लखनऊ : कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार 18 से 45 वर्ष तक की आयु के सभी प्रदेशवासियों को निश्शुल्क टीका लगा रही है। चार करोड़ डोज की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने का निर्देश पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था। टेंडर जारी हो चुका है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने भी सहमति दे दी है। इस पर खर्च होने वाले 800 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार वहन करेगी।

कोरोना महामारी से बचाव और इलाज की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए बीते करीब एक माह से मुख्यमंत्री प्रदेश के दौरे पर हैं। वह सभी 18 मंडलों का दौरा कर चुके हैं। इसके बाद अब संगठन की गतिविधियों में भी व्यस्तता चल रही है। इसके चलते करीब एक माह से ही ई-कैबिनेट बैठक भी नहीं हो सकी है। पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत कार्मिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने जैसा महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाना था। इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के ग्लोबल टेंडर सहित कुल सात प्रस्तावों को सोमवार को कैबिनेट बाई सकरुलेशन मंजूरी दे दी गई। दरअसल, 28 अप्रैल को चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी।

उसमें निर्णय लिया गया था कि वैक्सीन के चार करोड़ डोज लेने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया जाए। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन द्वारा निविदा आमंत्रण सूचना जारी की जा चुकी है। साथ ही प्रस्ताव था कि दो रुपये प्रति डोज की अनुमानित दर के हिसाब से कुल खर्च 800 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाए, ताकि 18 से 45 वर्ष आयु तक के लोगों को निश्शुल्क टीका निर्बाध रूप से लगाया जा सके। टीकाकरण संबंधी इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।

राब्यू, लखनऊ : कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा की व्यवस्था के लिए सोमवार को योगी कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के वैध संरक्षक को बच्चों के बालिग होने तक चार हजार रुपये प्रति माह प्रति बच्चा दिए जाएंगे। निराश्रित बालिकाओं की शादी में सरकार एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी। कैबिनेट से पास प्रस्ताव के तहत यदि कोरोना की वजह से माता-पिता दोनों या माता अथवा पिता में से किसी एक का निधन हुआ हो तब बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पात्रता की श्रेणी में आने के लिए पारिवारिक आय दो लाख रुपये सालाना से कम होनी चाहिए। इसमें ऐसे बच्चे निराश्रित की श्रेणी में आएंगे, जिनके माता पिता का निधन एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से हुआ हो या फिर माता-पिता में से किसी एक का निधन एक मार्च 2020 के पहले हो चुका हो और दूसरे का निधन कोरोना की वजह से हुआ हो। इसके अलावा उन बच्चों को भी इसके दायरे में रखा जाएगा, जिनके माता-पिता का निधन एक मार्च 2020 के पहले हो चुका हो और उनके वैध संरक्षक का निधन कोरोना की वजह से एक मार्च 2020 के बाद हुआ हो। योजना के मुताबिक कक्षा नौ या इसके ऊपर या व्यावसायिक शिक्षा पा रहे 18 साल तक के बच्चों को पढ़ाई के लिए टैबलेट या लैपटॉप दिया जाएगा। लाभ पाने के लिए कोविड-19 से निधन का साक्ष्य भी प्रस्तुत करना होगा। साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी-पीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 के इंफेक्शन की पुष्टि होनी चाहिए। साथ ही कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कई बार कोरोना के कारण आई जटिलताओं में मौत हो जाती है। इन्हें भी कोरोना से होने वाली मौत में स्वीकार किया जाएगा।

यह प्रस्ताव भी स्वीकृत
’गुरु गो¨वद सिंह स्पोट्र्स कॉलेज लखनऊ में वेलोड्रोम का निर्माण होगा।
’उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा बनाए जा रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए खनन क्षेत्र आरक्षित किया जाएगा।
’संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) लखनऊ के परिसर में उन्नत मधुमेह केंद्र के निर्माण संबंधी अनुमति।
’लखनऊ स्पोर्ट्स कालेज को साइकिलिंग ट्रैक बनाने को दिए 159 करोड़।
’मेरठ में शूटिंग रेंज बनाने के लिए नौ करोड़ मंजूर।