परिषदीय स्कूलों में 20 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के बावजूद जिले के अंदर तबादले की हलचल न होने से शिक्षक मायूस हैं। सरकार ने आश्वासन दिया था कि मध्य सत्र की बजाय गर्मी की छुट्टी में तबादले किए जाएंगे। प्रयागराज में 2016 के बाद से एक से दूसरे ब्लॉक में शिक्षकों का तबादला नहीं हुआ है ।
ये स्थिति तब है जबकि शिक्षकों का पद जिले कैडर का है और जिले के शिक्षकों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। तैनाती नियमावली 2010 के अनुसार प्रथम 5 वर्ष पुरुष शिक्षकों की तैनाती पिछड़े व सुदूर के ब्लॉकों में की जाती है। लेकिन जिले में 2013 से अंतर जनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों की तैनाती नियमावली के विरुद्ध सामान्य यानी शहर के नजदीक के विद्यालयों में दे दी गई। 2017 में अंतर जनपदीय के साथ ही जिले के अंदर तबादले के आवेदन लिए गए थे। अंतर जनपदीय तबादले तो हो गए लेकिन जिले के अंदर के ट्रांसफर पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
विवाद में 2017 का पूरा सत्र बीत गया और नए शैक्षणिक सत्र का बहाना बनाकर बनाकर 2017 की जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया रद्द कर दी गई । 2018 में जनपद के अंदर ट्रांसफर की कोई पॉलिसी नहीं आई। लिहाजा सिर्फ पारस्परिक ट्रांसफर हुए। पिछड़े ब्लॉक में 5 वर्ष से अधिक सेवा पूरी करने के बावजूद पिछले शिक्षकों के ट्रांसफर पर विचार नहीं हो रहा है। कई शिक्षक दंपति अलग-अलग ब्लॉकों में 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर तैनात है और एक ही जनपद में होते हुए भी अलग-अलग आने-जाने को मजबूर है। तमाम जनपदीय शिक्षक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और सुदूर तैनात हैं लेकिन उनकी सुनवाई भी नहीं हो रही।