*आगरा के एक प्राथमिक शिक्षक की अपील--- "शिक्षा का उत्थान" __ "शिक्षक का सम्मान" / "भ्रष्टाचार मुक्त बेसिक शिक्षा...अत्याचार मुक्त शिक्षक" इस संदेश को सभी शिक्षक/शिक्षिकायें एक बार जरूर पढ़ें...*
किसी दिन एक न्यूज़ आयी कि एक जिले के बीएसए कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया, तब से विभिन्न ग्रुप में लोग कहते पाए गए कि ऐसा हमारे जिले में भी होना चाहिए। जी हाँ, बिल्कुल होना चाहिए लेकिन होगा कैसे..?
उक्त जिले में किसी शिक्षक/शिक्षिका ने हिम्मत दिखाई और बिना डरे गुपचुप तरीके से घूस मांगने की शिकायत सही जगह पर की तब यह कार्यवाही हो पायी। ऐसे हिम्मती लोग कहीं हज़ारों में एक होते हैं।
वरना सब यही सोंचते है कि कौन बवाल में फसें ?,
अपना एक काम ही तो है सो ले-दे कर चुपचाप निपटा लें। आजकल चाइल्ड केयर लीव/मैटरनिटी लीव यहाँ तक कि आपके बीमार होने पर मेडिकल लीव पास कराने तक मे बीआरसी से लेकर बीएसए तक मे आपको लूट जाता है, जबरन धन उगाही की परिस्थितियां तैयार की जाती है और हम बवाल में न फसने का रोना रोकर चुपचाप लूटते जाते हैं।
फिर कहते हैं बहुत खराब विभाग है, अरे तो इसे अच्छा बनाने का प्रयास कौन करेगा..?
किसी भी बीआरसी में कोई भी प्रार्थना पत्र/चाइल्ड केयर लीव/मैटरनिटी लीव/मेडिकल लीव/एरियर आदि की फ़ाइल जमा करने जाओ तो वहाँ इसकी रिसीविंग नहीं दी जाती क्योंकि अगर रिसीविंग दे दी गयी तो आप के द्वारा पैसा न देने कारण काम न होने पर सवाल कर सकते हैं कि इतने दिन होने के बाद काम क्यों नही हुआ??
रिसीविंग न होने पर कोई प्रूफ नहीं होता कि हमने फ़ाइल जमा की। और बिना घूस लिए वो फ़ाइल आगे नहीं बढ़ाई जाती।
अगर आप फ़ाइल जमा कर चले आये और पैसा नही दिया उसके बाद अगर बीआरसी/BEO कार्यालय में फोन कर पूछते हैं कि काम हुआ या नही तो जवाब मिलता है कि आकर साहब से मिल लो, मतलब साहब चेहरे की खूबसूरती देखने के बाद हस्ताक्षर करते हैं क्या..?
नहीं, वो वहाँ घूस लेने के लिए ही बुलाते हैं। रिसीविंग न देना गलत है लेकिन कोई .... इसका उचित विरोध नहीं करता।
कई बार ऐसा हुआ कि बहुत से शिक्षक/शिक्षिकाओं ने बताया कि हमसे फला काम के पैसे मांगे जा रहे जो कि गलत है, इनके खिलाफ कोई कुछ करता क्यों नहीं??
तब हमने कहा कि अगर आप हिम्मत करके ऐसे लोगों को बेनकाब करने और उनके खिलाफ कार्यवाही कराने में हमारा साथ दीजिये हम ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे!
तब वही लोगों का जवाब होता है कि अरे सर हमे अपना काम कराना है बवाल में नही फसना, कैसे भी करके करवा दीजिये।
अब जब कोई शिकायत ही नहीं करना चाहेगा तो कैसे सुधार होगा..?
सब चाहते हैं कि गलत काम के विरोध में भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी पैदा हो लेकिन वो ये नही चाहते कि वो भगत सिंह हम खुद बने या हमारे घर मे पैदा हो,
सब यही चाहते हैं कि भगत सिंह पड़ोसी के घर मे पैदा हो
इसलिए कहता हूँ हिम्मत करिये, बहुत कुछ बदल सकता है।
---एक प्राइमरी टीचर ( प्राथमिक शिक्षक आगरा )
सशक्त शिक्षक...
सशक्त भारत....
राष्ट्र, समाज, शिक्षा, शिक्षक और छात्र हित में पूरी ईमानदारी के साथ प्रयासरत...
*प्राथमिक शिक्षक - आगरा*