प्रयागराज : जर्जर भवन चिह्न्ति होने के बाद भी उन्हें ढहाया नहीं जाएगा। वजह उन भवनों का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे भवनों की संख्या जिले में 71 है। सभी ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। विभाग का मानना है कि वह भवन ऐसे नहीं हैं जो किसी हादसे की वजह बनें। भविष्य में उनके स्थान पर जब दूसरे भवन बन जाएंगे तो उनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में कुल 12,177 विद्यालय भवन जर्जर हालत में हैं। उनका ध्वस्तीकरण कर दिया जाना चाहिए। इसके लिए एक सप्ताह का समय भी निर्धारित किया गया है। बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि प्रयागराज में 354 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवन चिह्न्ति हैं। इनमें से 283 भवन ढहाए जा चुके हैं। 71 को ढहाना शेष है लेकिन अभी उन्हें नहीं ढहाया जाएगा।
उनका कोई विकल्प विभाग के पास नहीं है। जल्द ही बजट मिलने पर नए भवन बन जाएंगे तो ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बेसिक शिक्षाधिकारी ने यह भी कहा कि इन भवनों में अभी कक्षाएं नहीं चल रही हैं।
जल्द ही अन्य जर्जर भवन के चिह्न्ति करने की प्रक्रिया शुरू होगी : बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि नगरीय क्षेत्र के स्कूलों के जर्जर भवन के चिह्न्ति करने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी। इसकी रिपोर्ट मार्च के अंत तक शासन को भेजनी है। अन्य विकासखंडों में भी निर्देशित किया गया है कि यदि कहीं जर्जर भवन हों तो रिपोर्ट अनिवार्य रूप से दें।
’>>यह भवन ऐसे नहीं हैं जो किसी हादसे की बनेंगे वजह
’>>उनके स्थान पर दूसरे भवन बनेंगे तो होगा ध्वस्तकरण