बेसिक शिक्षा विभाग के मानकों पर खरा उतरा वाराणसी प्रदेश में प्रथम,चंदौली छठे व मिर्जापुर आठवें और आजमगढ़ 74वें स्थान पर


वाराणसी। बेसिक शिक्षा विभाग में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर भविष्य मिले इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बीएसए, बीईओ व जिला समन्वयकों को हर महीने अलग-अलग टास्क दिया जाता है। इसमें उनके कामकाज का मूल्यांकन उनके परफॉर्मेंस के आधार पर किया जाता है। दिसंबर माह में परिषद द्वारा दिए गए टास्क को पूरा करने के बाद प्रदेश में वाराणसी को प्रथम स्थान हासिल हुआ है ।

प्रदेश के विभिन्न जिलों की जारी रेटिंग में 92 प्रतिशत अंकों के साथ वाराणसी प्रथम पायदान पर काबिज है। वहीं चंदौली छठवें व मिर्जापुर आठवें स्थान पर है। 47 प्रतिशत अंकों के साथ आजमगढ़ 74वें स्थान पर है। यह लगातार तीसरा मौका है जब बनारस अव्वल रहा है। विभाग की ओर से बीएसए, बीईओ व जिला समन्वयकों को अलग-अलग टास्क दिए गए थे जिसमें 7 मानकों के आधार पर रैंकिंग दी गई है। बीएसए के टास्क में जहां जिले को 115 प्रतिशत अंक मिले हैं, वहीं बीईओ के टास्क में जिले को 104 प्रतिशत अंक मिले हैं । इसके साथ जिला समन्वयकों को जो टास्क दिया गया था उसमें बनारस को 97 प्रतिशत अंक मिले हैं।

बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि पिछले माह वाराणसी अव्वल तो था, लेकिन हमारा प्रतिशत कम हुआ था। जिसके बाद मैंने बीईओ, जिला समन्वयक एआरपी, एसआरजी व शिक्षक संकुलों के साथ बैठक कर इसे सुधारने का प्रयास किया। जिसका नतीजा है कि दिसंबर माह में हमारे प्रतिशत में सुधार हुआ है। जिन कार्यों में लक्ष्य से अधिक काम हुआ है उसमें विभाग को 100प्रतिशत से अधिक अंक हासिल हुए हैं।