आजमगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जनपद में सन 2000 के पश्चात नियुक्त माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ (एडाक) शिक्षकों की नौकरी संकट में पड़ गई है। कोर्ट के आदेश पर प्रबंध तंत्र द्वारा नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा आयोग (चयन बोर्ड) द्वारा शिक्षक भर्ती को होने वाली परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा। परीक्षा में शामिल होने के लिए पहले शिक्षकों का पूरा विवरण जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में उपलब्ध कराने थे बावजूद इसके अभी तक कई शिक्षकों ने अपना विवरण नहीं दिया। डीआईओएस ने एडेड विद्यालयों के समस्त प्रबंधक व प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी कर बचे हुए सभी शिक्षकों का पूरा विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षक से अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 दिसंबर 2000 के बाद नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की पूरे विवरण के साथ सूची मांगी है। डीआईओएस ने जिले के 97 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से वर्ष 2000 से 2019 तक तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति एवं सेवा मामलों से संबंधित अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। जिसमें करीब 78 शिक्षकों का डाटा प्राप्त हुआ। अभी दर्जनों ऐसे शिक्षकों का विवरण अभी तक नहीं मिला जो अभी भी विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। जिन शिक्षकों का पूरा विवरण विभाग के पास है। वहीं शिक्षक परीक्षा में भाग ले सकेंगे। यदि शिक्षकों का डाटा समय पर उपलब्ध नहीं हुआ तो संबंधित जिम्मेदार होंगे। यदि तदर्थ शिक्षक परीक्षा में पास हो जाते हैं तभी उनकी नौकरी बचेगी अन्यथा वह जुलाई 2021 के बाद नौकरी से हटा दिए जाएंगे।
अशासकीय सहायता प्राप्त समस्त प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन तदर्थ शिक्षकों का डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया है, उनका डाटा कार्यालय में जमा कर दें। यदि समय से डाटा जमा नहीं किया गया तो होने वाली परीक्षा में वह शिक्षक भाग नहीं ले सकेंगे। जिसके जिम्मेदार वह स्वयं होंगे। डा. वीके शर्मा, डीआईओएस, आजमगढ़।