आप जब आईटीआर दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है. आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है.
इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करनी चाहिए. आपको अगर टैक्स रिफंड क्लेम करना है तो इसके लिए आईटीआर दाखिल करना जरूरी है. आप जब आईटीआर दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है. आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है.
■ ऐसे पता करें इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस
● इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस दो वेबसाइटों👉 www.incometaxindia.gov.in या www.tin-nsdl.com पर जा कर पता किया जा सकता है.
● इनमें से किसी भी वेबसाइट पर लॉनिग करें और Status of Tax Refunds टैब पर क्लिक करें.
● अपना पैन नंबर और एसेसमेंट ईयर डालें जिस साल के लिए रिफंड पेंडिंग है.
● अगर डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रोसेस कर दिया है तो आपको एक मेसेज मिलेगा मोड ऑफ पेमेंट, रेफरेंस नंबर, स्टेटस और रिफंड की तारीख का जिक्र होगा.
■ इन बातों का रखें ध्यान नहीं तो हो सकती है टैक्स रिफंड में देरी
● टैक्स डिपार्टमेंट के रिफंड में देरी करने या इनकार करने की कई वजह हो सकती हैं.
● करदाता द्वारा आईटीआर फॉर्म में गलत बैंक अकाउंट डीटेल देने पर समस्या आती है.
● आईटीआर भरते बैंक डीटेल सही होनी चाहिए.
● बैंक का नाम, अकाउंट नंबर और 11 डिजिट का आईएफसी कोड सही-सही भरा होना चाहिए.
● जो बैंक अकाउंट आप रिफंड पाने के लिए दे रहे हैं, वह ई-फाइलिंग अकाउंट और पैन से जुड़ा हो.
● रिफंड की गणना करते समय हुई गलती भी रिफंड मिलने में देरी या इनकार की एक वजह हो सकती है.
■ सुधारी जा सकती है गलती
● स्टेटस रिपोर्ट से अगर आपको लगता है कि आईटीआर भरते समय आपने बैंक डीटेल में कोई गलती की है तो आप इसे सुधार सकते हैं.
● आपको ई-फाइलिंग पोर्टल 👉www.incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉगिन करना होगा.
● इसके बाद My Account पर जाएं और Refund re-issue request पर क्लिक करें
● दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें और अपने बैंक की सही जानकारी डालें.
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