*म्यूचुअल ट्रांसफर हेतु मेरे द्वारा फाइल की गई याचिका की सुनवाई आज कोर्ट नंबर 81 में हुई*
*हमारी तरफ से कोर्ट में हमारे विद्वान अधिवक्ता श्री राजीव कुमार त्रिपाठी ने जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा*
जिस पर कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ताओं से नाराजगी जताते हुए इसमें देर करने के कारण पूछे
सरकारी वकीलों के पास केवल एक ही उत्तर था कि दिव्या गोस्वामी के केस में कोर्ट ने मिड-सत्र ट्रांसफर में रोक लगा रखी है इस वजह से वह अब तक ट्रांसफर नहीं हो पाया।
सरकारी वकीलों ने कोर्ट को अवगत कराया कि आज दिव्या गोस्वामी के केस भी सुनवाई हेतु लगा है और अगर उन्हें आज राहत मिलती है तो वो जल्द ट्रांसफर कर देंगे।
लेकिन एक बार फिर से हमारे अधिवक्ता श्री राजीव कुमार त्रिपाठी द्वारा इसका जोरदार तरीके से विरोध कर दिया गया और बोला गया कि हमारे पिटिशनर को बहुत दिक्कत हो रही है और म्यूच्यूअल ट्रांसफर में ऐसी कोई खास वाध्यता भी नहीं है इसलिए उनका ट्रांसफर किया जाए।
जज महोदय ने दिव्या कोर्ट केस के ऑर्डर की कॉपी अपने चेंबर में मंगाते हुए केस को एक बार फिर से लंच के बाद सुनने के लिए कहा गया है। साथ ही साथ उन्होंने सेक्रेटरी को भी तलब किया है अपना पक्ष रखने के लिए।
अधिवक्ता राजीव कुमार त्रिपाठी 15 सितंबर को अजीत कुमार की कोर्ट से जिस दिन अंतर्जनपदीय ट्रांसफर पर रोक लगी थी उस दिन भी उन्हीं अजीत कुमार की बेंच से गाजियाबाद के एक ट्रांसफर का आदेश कराने में सफल हुए थे।
इसके अलावा अधिवक्ता राजीव कुमार त्रिपाठी अपने विपक्ष में नामी सीनियर अधिवक्ताओं के बावजूद 68500 भर्ती के जिला आवंटन के केस को पिछले 2 साल से डिफेंड किए हुए हैं।
*अवनेश मिश्रा*
*बरेली*