बेसिक शिक्षा महकमे में महानिदेशक के आदेश का अब तक पालन नहीं, बीएसए व बीईओ कार्यालयों में बड़ी संख्या जमे शिक्षक कर रहे लिपिक का कार्य
प्रयागराज : शिक्षा महकमे में अफसर-शिक्षकों का काकस हावी है। इसे तोड? में महानिदेशक स्कूल शिक्षा तक के आदेश का भी पालन नहीं हो सका है। बीएसए व बीईओ कार्यालयों में बड़ी संख्या जमे शिक्षक लिपिक कार्य कर रहे हैं। उन्हें हटाया नहीं जा सका है और न ही योग्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को संबद्ध किया जा रहा है। अब बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने भी 153 बीईओ कार्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संबद्ध करने का आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं जो स्कूल नहीं जाते। उन्होंने अपने को बीएसए व बीईओ कार्यालय से संबद्ध करा लिया है। इसकी शिकायतें अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार मिलीं। उन्होंने जनवरी 2020 में शिक्षकों व अन्य किसी भी कर्मचारी का संबद्धीकरण न करने का आदेश दिया, लेकिन उनके आदेश को धता बताकर शिक्षकों से ही लिपिकीय कार्य कराया जा रहा है। वहीं, मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ अपनी योग्यताओ को लेकर लड़ाई लड़ रहा है। शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा ने 21 नवंबर 2019 को हर ब्लॉक पर तीन-तीन योग्य कर्मचारियों को कार्यालय कार्य के लिए संबद्ध करने का आदेश दिया।
योग्य मृतक आश्रित कर्मचारियों को संबद्ध न करने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रदेश के 80 खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की समीक्षा कराई। इसमें सामने आया कि 208 कार्यालयों पर कोई भी मृतक आश्रित कर्मचारी संबद्ध नहीं हो सका। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। तीन योग्य मृतक आश्रित कर्मचारी 187 ब्लाकों में व दो कर्मचारी 168 ब्लाकों में ही पहुंचे हैं। तीन सितंबर 2020 को महानिदेशक ने सभी योग्य मृतक आश्रितों को कार्यालय कार्य के लिए संबद्ध करने का आदेश दिया है उनका 80 घंटे का कंप्यूटर प्रशिक्षण कराने का निर्देश सभी बीएसए को दिया गया है।
बीईओ कार्यालयों के हालात अच्छे नहीं है जो कर्मचारी लगे हैं उन्हें परेशान किया जाता है।हर ब्लॉक पर कुछ शिक्षक अपना आधिपत्य स्थापित किए हैं और उन्हीं लोगों पर अधिकारियों भी मेहरबान हैं। -जुबेर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष, प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेतर कर्मचारी संघ