केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बावजूद कई राज्य स्कूल खोलने को तैयार नहीं हैं। 15 अक्टूबर के बाद स्कूल खोलने का फैसला कुछ ही राज्य सरकारों ने लिया है।
रीओपनिंग के तहत केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। इसके बावजूद, राज्य अभी हिचक रहे हैं। कोरोना वारयस महामारी के प्रकोप को देखते हुए पैरेंट्स भी बच्चों को फिलहाल बाहर नहीं भेजना चाहते। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों में स्कूल खुल जाएंगे। चूंकि सरकार ऑनलाइन मोड से पढ़ाई को प्राथमिकता दे रही है, कई राज्य इस वजह से भी रिस्क लेने से बच रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्कूलों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) और गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। मगर स्कूल कब से खोले जाएं, वह तारीख राज्य सरकारें तय करेंगी।
इन राज्यों में 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद
राजधानी दिल्ली के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश ने भी तब तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है। इनमें से कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की दर अब भी चिंताजनक है, इसलिए स्कूल खोलकर वह बेवजह मुसीबत नहीं मोल लेना चाहते। कई राज्यों ने पैरेंट्स और स्कूलों से फीडबैक भी लिया, जिसमें यही निकला कि स्कूल फिलहाल बंद रखे जाने चाहिए।
यहां 31 के बाद भी स्कूल खुलना मुश्किल
पश्चिम बंगाल सरकार ने साफ किया है कि वह 14 नवंबर से पहले स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 14 नवंबर को काली पूजा के बाद स्कूल खोलने पर विचार होगा। राज्य में 16 मार्च से ही स्कूल बंद हैं। इसके अलावा, दिल्ली में भी नवंबर में स्कूल खुलेंगे या नहीं, यह कोविड की स्थिति पर निर्भर करेगा। यहां पैरेंट्स की राय एकतरफा है कि स्कूल नहीं खुलने चाहिए।
इन राज्यों में खुल गए या खुलने वाले हैं स्कूल
केंद्र ने पहली बार अनलॉक-4 के तहत 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी थी। इसके बाद रीओपनिंग की गाइडलाइंस में 15 अक्टूबर से सभी तरह के स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गई। 21 सितंबर से पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय जैसे गिने-चुने राज्यों में ही क्लासेज शुरू हुईं। जबकि 15 अक्टूबर से कई राज्य स्कूल खोलने की तैयारी में हैं। इनमें बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने जारी कर दी हैं गाइडलाइंस
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने से जुड़ी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। राज्य इसी के आधार पर अपनी गाइडलाइंस बनाएंगे। राज्य सरकारें स्कूल/कोचिंग मैनेजमेंट से बातचीत के बाद इन शर्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला कर सकती हैं:
● ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।
● अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
● स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
● स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।
● जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।
कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इसपर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा। इसके लिए गृह मंत्रालय से भी बात की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस इस प्रकार हैं:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।