बीएसए साहब लंबे अवकाश पर गए ...या ट्रांसफर कराने की जुगाड़ में छुट्टी ली!


बीएसए साहब लंबे अवकाश पर गए ...या ट्रांसफर कराने की जुगाड़ में छुट्टी ली!

पीलीभीत। मृत शिक्षक का दो साल से वेतन निकलने समेत कई अन्य गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में घिरे बीएसए देवेंद्र स्वरूप लंबे अवकाश पर चले गए हैं। उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव हैं। प्रशासनिक हलकों और शिक्षा विभाग में चर्चा यह है कि वह लंबे अवकाश पर ऐसे ही नहीं गए हैं, बल्कि अपना ट्रांसफर कराने की जुगाड़ में लंबी छुट्टी ली है। कई महीनों से बीएसए लगातार वित्तीय अनियमितताओं में घिरते जा रहे हैं। प्रशासनिक सख्ती के चलते कई बार किरकिरी हो चुकी है।
बेसिक शिक्षा विभाग बीते दिनों से सुर्खियों में है। कुछ दिन पूर्व बिलसंडा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय हर्रायपुर में सहायक अध्यापक अरविंद कुमार, जिनका निधन 22 ई 2016 को हो गया था, की मौत के बाद नवंबर 2018 तक बेसिक शिक्षा विभाग से उनका वेतन बैंक खाते में पहुंचता रहा। खास बात यह है कि मौत के दो साल बाद भी बीएसए द्वारा स्वर्गवासी गुरूजी का इंक्रीमेंट भी लगा दिया गया। जब मामले का खुलासा हुआ तो शिक्षा महकमे के अलावा प्रशासनिक हलकों में भी हड़कंप मच गया। इस मामले में रिकवरी के आदेश दिए गए। मगर, बीएसए ने बिलसंडा के खंड अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। वह अपनी गर्दन बचाने में किसी तरह कामयाब तो हो गए, लेकिन तब तक बेसिक शिक्षा विभाग में एक और वित्तीय घोटाले का मामला सामने आ गया। एक मानसिक मंदित महिला शिक्षक के पढ़ाने का। वह हस्ताक्षर तक नहीं कर सकती, फिर भी वेतन उसके खाते में पहुंच रहा है और निकल भी रहा है। तीसरा मा़मला बिलसंडा ब्लाक के ही प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में तैनात सहायक अध्यापक धर्मेेंद्र कुमार का है। उनके खाते में 74366 रुपये ट्रांसफर हो गए। वहीं एक दिन पहले न्याय पंचायतों के कई संसाधन केंद्रों पर फर्नीचर न खरीदे जाने का खुलासा हो गया।
सूत्रों के अनुसार लगातार वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद प्रशासन बीएसए के वित्तीय अधिकार सीज करने की तैयारी में है। इसलिए वह अपना तबादला कहीं और कराने की जुगत में हैं। हालांकि शिक्षा विभाग के दूसरे अधिकारी अभी यही कह रहे हैं कि बीएसए अपनी पत्नी के कोरोना संक्रमित होने की वजह से अवकाश पर गए हैं।