बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई और वहां की मूलभूत सुविधाओं को लेकर अब नियमित जांच होगी। इसके लिए हर महीने जिला स्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक कराए जाने की अनिवार्यता की गई है। इन स्कूलों में निरीक्षण के दौरान कुल 33 बिंदुओं पर फोकस होगा। जिसमें सबसे अहम कक्षा शिक्षण में तीन हस्त पुस्तिकाओं (आधार शिला, शिक्षण संग्रह व ध्यानाकर्षण) में वर्णित तकनीक को प्रयोग में लाया जा रहा है या नहीं। इसके लिए विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। आधार शिला से पढ़ाई न कराने पर सम्बंधित शिक्षक कार्यवाही के दायरे में लाया जाएगा।
बच्चों में भाषा और गणित की मूलभूत समझ विकसित करने वाली पुस्तिका आधार शिला से शिक्षा देना जरूरी है। अगर आधारशिला पुस्तिका से पढ़ाई न हुई तो शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान स्कूल यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर, किताबें आदि को भी परखा जाएगा। पड़ताल की जाएगी कि एआरपी व एसआरपी से शिक्षक ने उपयुक्त सहयोग लिया या नहीं। 33 बिंदुओं की पड़ताल से पहले विद्यालय में निरीक्षण के लिए कुल 18 बिंदु तय थे। अब निरीक्षण के लिए 33 बिंदुओं का पालन किया जाएगा। निरीक्षण करने वाले टॉस्कफोर्स के सदस्य अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन प्रेरणा पोर्टल पर भरेंगे। पुस्तकालय, शुद्ध पानी, क्रियाशील शौचालय, शौचालय में पानी आपूर्ति, टाइल्स, दिव्यांग सुलभ शौचालय, हैंड वाशिंग यूनिट, मिड-डे मील के लिए रसोई, श्यामपट, रंग-रोगन आदि की स्थिति देखी जाएगी। विभाग द्वारा तैयारियां पूरी की जा रही हैं।
पेपरलेस होंगे निरीक्षण :
विभाग के द्वारा जारी निर्देशों में साफ कहा गया कि निरीक्षण के तय बिंदुओं को स्थलीय निरीक्षण के समय ऑनलाइन प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। वहीं शिक्षकों को भी अब स्कूल परिसर में निर्माण कार्य कराए जाने से पहले व बाद की फोटो एक वर्ष तक संरक्षित करके रखनी होगी। निरीक्षण में कागज का प्रयोग नहीं होने से हेर-फेर की गुंजाइश नहीं रहेगी। विभाग ने साफ किया कि निरीक्षण के दौरान यह प्रक्रिया अभी से लागू की जा रही है।