2 महीने बीत गए लेकिन प्रमाणपत्र सत्यापित हुए सिर्फ 539 शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों के...। यह हालत तब है जबकि प्रदेश में लगभग 1.59 लाख शिक्षामित्र व 34 हजार अनुदेशक काम करते हैं। 31 अगस्त तक सत्यापन पूरा किया जाना था। अधिकारियों की इस सुस्त रफ्तार पर बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने
अधिकारियों के इस रवैये पर असंतोष व्यक्त करते हुए 15 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि तयशुदा समय में काम नहीं पूरा हुआ तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षक मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों समेत अनुदेशकों व शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने का निर्णय लिया था। 27 जून को आदेश जारी करते हुए 31 अगस्त तक सत्यापन पूरा किया जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं, यहां तक कि एक फीसदी शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों के सत्यापन का काम पूरा नहीं हो पाया।880 में से केवल 80 ब्लॉकों ने सूचनाएं दी हैं। इस पर आपत्ति जताते हुए महानिदेशक ने कहा है कि यह स्थिति अस्वीकार्य है और खण्ड शिक्षा अधिकारियों की शिथिलता दर्शाती है। सूचनाओं के मुताबिक लगभग 3500 शिक्षामित्रों-अनुदेशकों का आधार सत्यापन हुआ है। 1078 शिक्षामित्र व 220 अनुदेशकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भेजे गए हैं। विभाग को आधार सत्यापन का काम सिंगल फिंगर प्रिंट डिवाइस के जरिए करना था लेकिन केवल 27 ब्लॉक में ही इसे खरीदा गया है। केजीबीवी में लगभग 60 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। यहां प्रमाणपत्र सत्यापन और फर्जी शिक्षकों की पकड़ का काम आखिरी दौर में हैं। वहीं शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच भी होनी है।