#69000भर्ती
मुद्दा - शिक्षामित्र का संशोधन
आज टीम के लोग इस मुद्दे पर बेसिक शिक्षा परिषद में मुलाकात के लिए गए तो कुछ जानकारी सामने निकल कर आयी है
जिसमे मुख्यतः ये ऐसे शिक्षामित्र है जिनको भारांक का लाभ नहीं मिला है अब ये भारांक का लाभ इन्हे क्यों नहीं मिला है आपको बताते है
जब उन्होंने परीक्षा का फॉर्म भरा था तो वहां पर 13 नंबर कॉलम जहा पर प्रशिक्षण का जिक्र होता है वहां पर मुख्यतः 4 विकल्प थे ,बीटीसी /बीएड /ded/दूरस्थ बीटीसी अब इन्होने फॉर्म में दूरस्थ बीटीसी के जगह बीटीसी भर दिया जिसके कारण इनको शिक्षामित्र ना मान कर इन्हें बीटीसी अभ्यर्थी माना गया जिसके कारण इनको भारांक का लाभ नहीं मिला है और ये बाहर हो गए।
जिसको इन्होंने कोर्ट में केस भी किया पर वहां भी इनको राहत नहीं मिली ,अंततः इन्होंने शासन स्तर से पैरवी शुरू किया जिसमें माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री ने मानवता(मर्सी) के आधार पर इनके आवेदन पर विचार करने के लिए आदेश बेसिक शिक्षा परिषद को दिया जिसमे एक पत्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी के नाम से करी कर दिया गया और उनको आदेश किया गया कि इनको नियमानुसार कार्यवाही की जाए ।।
अब आते है नियम पर तो विज्ञापन में साफ साफ लिखा था कि आवदेन के पश्चात किसी भी प्रकार का संशोधन मान्य नहीं होगा जिस पर न्यायालय के भी कई सारे आदेश है जहां पर संशोधन मान्य नहीं किया गया है ,फिर भी बेसिक शिक्षा मंत्री और परिषद के अधिकारी इनको शामिल करके कहीं ना कहीं विवाद को उत्पन्न कर रहे है क्योंकि इनके शामिल होने पर जो फ्रेश लोग बाहर होंगे वो कोर्ट का शरण लेंगे जो कि बड़े विवाद को जन्म देगी ,अब एक बात और सामने निकल कर आ रही है कि इनको किस लिस्ट में शामिल किया जाएगा ,जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया तो एक बात तो सिद्ध है कि सुप्रीम कोर्ट से पासिंग मार्क डिसाइड होने के बाद ऐसे जितने लोग शामिल होंगे फिर वो चाहे किसी भी लिस्ट में हो इतने लोगों का तो भर्ती से बाहर होना तय है।।