बरेली। ऑपरेशन कायाकल्प का सत्यापन शुरू होते ही प्रधानाध्यापकों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। बुधवार को प्रधानाध्यापक के सस्पेंशन के साथ चार को नोटिस जारी किया गया था। इस पर शिक्षक संघ ने आपत्ति जताई है।
डीएम के कड़े रुख के कारण शिक्षक संघ खुलकर कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे हैं। मगर उनका कहना है कि ऑपरेशन कायाकल्प में समस्त वित्तीय अधिकार प्रधान के पास हैं। प्रधान, बीडीओ और सचिव ने मिलकर ही काम कराए हैं। कायाकल्प की सूचना लगातार प्रधानाध्यापक विभाग को भेज रहे थे। बार-बार यह कहा जा रहा था कि स्कूलों में या तो कार्य हो ही नहीं रहा है या गुणवत्ता की कमी है। इसके बाद भी जब जांच शुरू हुई, तब प्रधानाध्यापकों पर ही कार्रवाई शुरू हो गई है। संघ की मांग है कि असली दोषियों को सजा दी जाए। जो प्रधान गड़बड़ी कर रहे हैं, उनके वित्तीय अधिकार सीज हों।
डीएम के कड़े रुख के कारण शिक्षक संघ खुलकर कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे हैं। मगर उनका कहना है कि ऑपरेशन कायाकल्प में समस्त वित्तीय अधिकार प्रधान के पास हैं। प्रधान, बीडीओ और सचिव ने मिलकर ही काम कराए हैं। कायाकल्प की सूचना लगातार प्रधानाध्यापक विभाग को भेज रहे थे। बार-बार यह कहा जा रहा था कि स्कूलों में या तो कार्य हो ही नहीं रहा है या गुणवत्ता की कमी है। इसके बाद भी जब जांच शुरू हुई, तब प्रधानाध्यापकों पर ही कार्रवाई शुरू हो गई है। संघ की मांग है कि असली दोषियों को सजा दी जाए। जो प्रधान गड़बड़ी कर रहे हैं, उनके वित्तीय अधिकार सीज हों।