यूपी उच्च शिक्षा में नए शैक्षणिक सत्र को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है.विभाग शैक्षिक सत्र छोटा करने पर विचार कर रहा है. कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर यूपी के अंदर के सभी शैक्षणिक शिक्षण संस्थान पूर्णतया बंद हैं, चूँकि आगामी शैक्षिक सत्र भी जुलाई माह से शुरू होने वाला है इसलिए इस नए शैक्षिक सत्र को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की उलझने बढ़ गई है.
विगत 4 वर्षों से उच्च शिक्षा विभाग में सत्र नियमित चल रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी के आने से अब सब कुछ उलट-पुलट हो गया है, इसलिए शिक्षा विभाग सत्र को नियमित करने के को कुछ विकल्पों पर विचार करने लगा है. उसमें एक विचार यह भी कि सत्र को छोटा क्यों न कर दिया जाए. जिससे सत्र नियमित चल सके.
उच्च शिक्षा में अभी तक ज्यादातर विवि की परीक्षाएं नहीं हुई हैं। यदि परीक्षा हो भी जाए तो कापियों के मूल्यांकन और रिजल्ट तैयार करने में काफी समय लग सकता है. अब इस स्थिति में जुलाई से शिक्षा सत्र शुरू होना मुश्किल है. शिक्षकों का मानना है कि अब यदि शैक्षिक सत्र बचाना है तो इसे छोटा करना ही होगा. UGC ने इस मामले में निर्णय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जल्द ही निर्णय आने की उम्मीद है.